उदयपुर में श्रीरामकृष्ण मिशन संघ के प्रार्थना सभा के भवन के उद्घाटन का दो दिवसीय कार्यक्रम 18-19अप्रैल को आयोजित होगा

उदयपुर में श्रीरामकृष्ण मिशन संघ के प्रार्थना सभा के भवन के उद्घाटन का दो दिवसीय कार्यक्रम 18-19अप्रैल को आयोजित होगा

उदयपुर में श्रीरामकृष्ण मिशन संघ के प्रार्थना सभा के भवन के उद्घाटन का दो दिवसीय कार्यक्रम 18-19अप्रैल को आयोजित होगा
श्रीरामकृष्ण संघ यह एक आध्यात्मिक संघ है जो समाज कल्याणकारी, सर्वत्यागी सन्यासियों द्वारा परिचालित होता है। श्री राम कृष्ण मिशन के प्राण, आदर्श एवं प्रेरणा ठाकुर श्री राम कृष्ण परमहंस है। श्री रामकृष्ण के जीवन का सार तत्व है भगवद तन्मयता, उनका जीवन समग्र मानव जाति के लिए यह संदेश प्रेरणा एवं प्रेममय आव्हान है कि वह ईश्वरोमाद के आनंद का रसास्वादन कर अपने को धन्य करे।इस भगवादकर्ता कि प्राप्ति का ही संदेशवाहक है-रामकृष्ण मिशन। रामकृष्ण कहते थे कि सभी सर्वधर्म सत्य है तथा परमात्मा को पाने के विभिन्न मार्ग है। आध्यात्मिक क्षेत्र मे गुरुशिष्य परंपरा क्रम से ज्ञान एवं शक्ति का प्रवाह बनाये रखना रामकृष्ण मिशन की भावधारा का एक अविभाज्य अंग है। माँ सारदा व स्वामी विवेकानंद की रामकृष्ण मिशन के इतिहास में प्रमुख भूमिका रही हैं। माँ सारदा ने संघ के आदर्शों को व्यावहारिक रूप देने तथा उसकी कार्यप्रणाली निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अपनाई हैं। रामकृष्ण के भाव एवं उपदेशों को आश्रय करके तथा संसार ताप दग्ध लोग यंहा आकर वाणी सुनकर शांति पाएंगे। स्वामी विवेकानंद एक ध्यान सिद्ध महायोगी थे। उन्होने परिव्राजक बन सम्पूर्ण भारत की यात्रा की। अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर विश्व मे हिन्दू धर्म की ध्वजा फहराई और सनातन धर्म और संस्कृति का डंका बजाया। 'शिवज्ञान से जीव सेवा' के मूलमंत्र को अपनाऔर युगधर्म को निभा कर बताया। स्वामी विवेकानंद के जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था की रामकृष्ण के सर्वसंतापहारी, शांतिदायक, कल्याणमयी संदेश का विश्व मे प्रचार करना। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये उन्होने 1897 में कलकत्ता के बेलूर मठ में रामकृष्ण मिशनकी स्थापना की। वो कहते थे कि मानवदेह ही भगवान का सर्वश्रेष्ठ मंदिर है एवं मानव की सेवा ही भगवान की सर्वश्रेष्ठ पूजा हैं। श्री रामकृष्ण-माँ सारदा-स्वामी विवेकानंद इस त्रिमूर्ति के आदर्शों को ही रामकृष्ण मिशन मूर्तरूप करने का, जीवन में उतारने का प्रयत्न करता हैं, रामकृष्ण मिशन भावान्दोलन को पांच प्रथक शाखाओं में यथा- रामकृष्ण मठ एवं मिशन, रामकृष्ण सारदा मिशन, अनधिकृत केंद्र, गृहस्थ भक्त समुदाय और हितैषी समुदाय।यंहा आप ज्ञान और भक्ति के साथ सन्यासी को कर्मरत पाएंगे, मार्गदर्शन प्रदान करते हुए, रोगियों की सेवाशुश्रूषा करते हुए, जटिल समस्याओ को सुलझाते हुए, शिक्षारत, और भी विभिन्न समाज सेवा के कार्य जैसे विधवाओं के कल्याण के कार्य, किसानों के लिए सेवा कार्य आदि। यंहा निर्दिष्ट कर्मों के अतिरिक्त सन्यासी-ब्रह्मचारी नियमित आरती, जप करते हैं। परिश्रम और प्रार्थना इनके पर्यायवाची हैं। ये पुरातन परम्परा के श्रेष्ठतम अंशों के साथ आधुनिक वैज्ञानिक सभ्यता के शुभ एवं उपयोगी अंगों का सामंजस्य स्थापित करने का प्रयत्न करते हैं।यंहा सभी धर्मों की निष्ठाओं का आदर होता है।उच्चतम आदर्शों को जीवन में उतारना व जीवन के क्रियाकलापों के प्रति फलित करना ही उनके लिए धर्म है। रोगियों व चिंताग्रस्त के लिए यह मंच आश्रयस्थल और शांतिप्रदाता हैं। राष्ट्रीय नवनिर्माण के लिए भी यह एक प्रभावशाली यंत्र है। अपने किसी भी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का संदेशवाहक है। यह चरित्र निर्माण की मनुष्य निर्माण कारी शिक्षा की प्रेरणा प्रदान करता हैं।रामकृष्ण मिशन विश्वबंधुत्व, सार्वभौमिक धर्म और सहिष्णुता का प्रतिनिधि है।
यह 125 वर्षो से कार्यरत हैं जो आज विशाल गहरे एवं चौड़े जलस्रोत के समान हो गया हैं। जो धीरे धीरे अपनी शाखाओं प्रशाखाओं के माध्यम में नित नूतन प्रफेश को शांति, आशा, उत्साह के अमृतवारी से तृप्त कर रहा हैं। बेलूरमठ मुख्यालय में एक भाव प्रचार परिषद का गठन 1980 में किया गया था। जिसमे प्रत्येक प्रान्त के केंद्रों के दो दो भक्त इसके प्रतिनिधि होते है। बेलूरमठ के सचिव इसके अध्यक्ष है। उदयपुर में भो यह संस्था कई वर्षों से सक्रिय है पर चित्रकूट नगर में प्रार्थना भवन का निर्माण हाल ही पूर्ण हुआ है, जंहा त्रिमूर्ति दर्शन, ध्यान, सन्यासी आवास, सभागार का भक्तों द्वारा ही निर्माण किया गया है। उदयपुर केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती मंजुला बोर्दिया ने बताया कि उदयपुर में दो दिवसीय उद्धाटन कार्यक्रम का आयोजन 18-19 अप्रेल को किया जा रहा है जिसमें बेलूरमठ के उपाध्यक्ष स्वामी गौतमानंद जी महाराज पधार रहे है जो पहले दिन  प्रार्थना सभा का उद्घाटन करेंगे और उनका संबोधन भी उदयपुर वासियों के लिए रखा गया है, दूसरे दिन भक्तों को दीक्षा प्रदान की जाएगी, उसके लिए विभिन्न स्थानों से भक्तप्रवर आएंगे। दोनों दिन आरतीपूजा, भजन संध्या का भी आयोजन होगा।  इस कार्यक्रम के लिए खेतड़ी रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष और राजकोट के अध्यक्ष महाराज भी शामिल होंगे।