बालोतरा पुलिस के पास नहीं तीसरी आंख का सहारा

बालोतरा पुलिस के पास नहीं तीसरी आंख का सहारा

बालोतरा पुलिस के पास नहीं तीसरी आंख का सहारा

बालोतरा पुलिस के पास नहीं तीसरी आंख का सहारा

बालोतरा जैसे बड़े शहर में सैकड़ों फैक्ट्रियां है..। बड़े बड़े तीर्थ स्थल है..। बड़ा मार्किट भी है तो अब रिफाइनरी लगने से बाहरी व्यक्तियों की बड़ी संख्या में आवाजाही हुई है, लेकिन खेद की बात यह है कि यहाँ अपराध पर नियंत्रण व निगरानी को लेकर रत्तीभर भी ध्यान नहीं है। आज एक के बाद एक हो रही आपराधिक गतिविधियों का खुलासा तक नही हो रहा है क्योंकि यहाँ 3 साल पहले सीसीटीवी कैमरे लगाने थे जो एक भी नही लग सका। करीब 450 कैमरे बालोतरा के मुख्य मार्ग व अन्य जगहों पर लगाने के लिए सर्वे भी हुआ था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी यह काम नहीं हो सका। अब पुलिस को इसकी कमी खल रही है। यही कारण है कि वारदातों को अंजाम देने के बाद अपराधी कहां भाग निकलते है इसका पुलिस पता नही लगा पाती है। चेन स्नेचिंग मामले में भी यही हो रहा है तो वाहन चोरियों होने के बाद भी ऐसी स्तिथि है। जिम्मेदार अगर समय पर ध्यान देकर कैमरे लगाने के प्रयास करते तो शायद इन वारदातों पर निगरानी होती तो पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिलती।