निदेशालय ने डीईओ-संयोजक को माना दोषी,परीक्षा से पहले पेपर बाजार में
निदेशालय ने डीईओ-संयोजक को माना दोषी,परीक्षा से पहले पेपर बाजार में

उदयपुर
निदेशालय ने डीईओ-संयोजक को माना दोषी,परीक्षा से पहले पेपर बाजार में
पेपर वितरण में हुई गड़बड़ी के मामले में निदेशालय ने डीईओ और परीक्षा संयोजक को दोषी माना है।कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इधर, विभाग में चल रही लापरवाही, जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया के बीच अर्द्धवार्षिक परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई।सवाल है कि विभाग ने अगर पेपर को लीक माना है तो परीक्षाएं कैसे शुरू करवा दी?।जबकि शिक्षक संगठन नए पेपर छपवाकर परीक्षाएं करवाने की मांग कर चुके हैं।माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक कानाराम ने बताया कि परीक्षा से पहले पेपर बाजार में आने के मामले में कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट भेज दी है|डीईओ मुकेश पालीवाल और परीक्षा संयोजक व गोवर्धन विलास स्कूल के प्रिंसिपल सुरेंद्र सिंह धाभाई ने पेपर वितरण में गंभीर लापरवाही बरती।
राजस्थान हाइकोर्ट में एडवोकेट रामप्रताप सैनी का कहना है कि पेपर लीक में विभागीय अफसरों की भूमिका है, तो एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। परीक्षा में गड़बड़ी पर छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाती है, अब ऐसी ही कार्रवाई इन शिक्षकों पर भी होनी चाहिए। परीक्षा में खर्च की वसूली दोषी अधिकारी से की जानी चाहिए।एडवोकेट का ये भी कहना है कि दोषियों को एपीओ कर बीकानेर मुख्यालय भेज देना चाहिए, जिससे वह किसी भी तरह से मामले को प्रभावित न कर सके।