ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन: गांजा डिलीवरी रैकेट,कोई फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन: गांजा डिलीवरी रैकेट,कोई फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन: गांजा डिलीवरी रैकेट,कोई फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन: गांजा डिलीवरी रैकेट,कोई फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं

मध्य प्रदेश - भिंड 

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन: गांजा डिलीवरी रैकेट,कोई फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं

कढ़ी पत्ता बेचने के नाम पर सेलर अकाउंट से गांजा बेचने का नेटवर्क चलाया जाता था। एक-दो नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में।गांजे की डिलीवरी विशाखापट्टनम से देश के कई हिस्सों में की जाती थी,पूरा रैकेट मध्य प्रदेश के छोटे से जिले भिंड से ऑपरेट हो रहा था। भिंड पुलिस और विशाखापट्टनम पुलिस ने अमेजन गांजा सप्लाई रैकेट में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। अमेजन के दो पिकअप बॉय और एक वैन ड्राइवर भी शामिल हैं।आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि 4 साल से चल रही थी ऑनलाइन गांजा तस्करी| ऑनलाइन गांजा तस्करी से आरोपी करोड़ों रुपए का लेन-देन कर चुके थे , सारे ट्रांजैक्शन में एक ही UPI नंबर का इस्तेमाल किया गया था। आरोप है कि इसमें से मोटा हिस्सा अमेजन कंपनी को भी कमीशन के रूप में जाता था।कई जगहों पर 384 पैकेट की डिलीवरी हुई थी।दो किलो गांजा एक पैकेट में  हुआ करता था। विशाखापटट्‌नम पुलिस ने अमेजन के पिकअप बॉय जीरू कुमार स्वामी और बीज्जम राजू, वैन ड्राइवर चीपूरूपल्लवी वेकटेंशराव को दबोचा। आरोपियों से 48 किलोग्राम गांजा व इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन भी मिलीं।विराग गुप्ता साइबर कानून के जानकार बताते हैं कि- ‘ई-कॉमर्स को लेकर भारत में अभी तक कानूनी स्थिति साफ नहीं है।सरकार ड्राफ्ट बिल लेकर आई, लेकिन इस प्रक्रिया का रेगुलेटर कौन है ये साफ नहीं है। ये कंपनियां फिजिकल वैरिफिकेशन नहीं करती हैं। पुलिस के साथ भी असमंजस की स्थिति होती है, क्यों कि इन कंपनियों के जो मुख्य खिलाड़ी हैं वो विदेशों में रहते हैं।