प्रकृति की आवाज़ बनकर उभरे-अभिनीत मौर्य
प्रकृति की आवाज़ बनकर उभरे-अभिनीत मौर्य
प्रकृति की आवाज़ बनकर उभरे-अभिनीत मौर्य
कर रहे पर्वतारोही बनने का प्रयास
कोथावां/हरदोई_विकास खण्ड कोथावां का एक छोटा सा गांव "सांता" निवासी कृषक चन्द्र पाल मौर्य के तीन बेटों में सबसे छोटे बेटे अभिनीत मौर्य की 20 वर्ष उम्र चाहें कम क्यों ना हो पर जज्बा बुलंदियों को छूने जैसे ही है बताते हैं कि_
मत खेलना तू मुझसे,दूं गी तुझे मिटा।
देती हूं मुफ्त सब कुछ,फिर क्यों मुझे सता।
जैसी कबिताओ को लिखने के साथ एक बड़ा सपना भी देख लिया जिसे वह साकार करने की जहोजद में लगे हुए हैं। पत्रकारों को ख़ुद के बारे में बताते हुए कहते हैं कि मैं देश के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फते कर पर्वतारोही बनना चाहता हूं, जिसके लिए जवाहर इंस्ट्यूट ऑफ माउटेनियरिंग पहलगांव जम्बू से पढ़ाई भी शुरू कर रखी है। पिता के कृषक होने के नाते इस सपने को साकार करने में बड़ी रकम की आवश्यकता है जो बाधा बन रही है। जिसके लिए वो शोसल मीडिया का सहारा लेकर लोगों से मदद मांगेंगे पर लक्ष्य को हासिल कर रहेगें। साथ ही बताते हैं। कि इस मामले में बिहार राज्य की माउटेनियरिंग मिताली प्रसाद से मुलाकात कर बहुत सारी जानकारियां ली जिससे उनका उत्साह और बढ़ा है। देखना यह है कि ऐसे युवाओं की आवाज़ और उत्साह को सरकारे कहां तक बढ़ाने में साथ देती हैं या फिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि किस तरह से मदद करते हैं।