राजस्थान मंत्रिमंडल मे गंगानगर हनुमानगढ़ जिले का नाम गायब होना नेताओं में एकता नहीं होने का परिणाम जनता को भुगतना पड़ेगा ।

राजस्थान मंत्रिमंडल मे गंगानगर हनुमानगढ़ जिले का नाम गायब होना नेताओं में एकता नहीं होने का परिणाम जनता को भुगतना पड़ेगा ।

राजस्थान मंत्रिमंडल मे गंगानगर हनुमानगढ़ जिले का नाम गायब होना
नेताओं में एकता नहीं होने का परिणाम जनता को भुगतना पड़ेगा ।

विकास की दृष्टि से पिछड़े हुए दोनों जिले


हनुमानगढ़/श्रीगंगानगर| सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण चुनावी सीजन में दोनों जिलों के राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलने लग जाते हैं| लेकिन समीकरण बदलने का यह बूम दोनों जिलों के नेताओं में मजबूत संगठनात्मक ढांचा मौजूद ना होने की वजह से ढह जाता है|कारण बिल्कुल स्पष्ट है कि दोनों जिलों में कार्यकर्ता कम है, नेता और वक्ता ज्यादा है|हालात यह है कि सरकार भी सौ बार सोचने पर मजबूर हो जाती है कि किस किसको मंत्रिमंडल में पद दें या किसको ना दें|किसी एक को पद देने के बाद चार नेताओं के पार्टी से नाराजगी व त्यागपत्र देने का भी डर लगता है सरकार को|
मेरी नजर में यह भी एक बड़ा कारण है कि दोनों जिलों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है|वास्तव में अगर एकता का परिचय देते तो मंत्रिमंडल में दोनों जिलों से 2 मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता था ।