आतंकियों की 90% खबर रखने वाली पुलिस हमेशा से निशाने पर कैसे ?

आतंकियों की 90% खबर रखने वाली पुलिस हमेशा से निशाने पर कैसे ?

आतंकियों की 90% खबर रखने वाली पुलिस हमेशा से निशाने पर कैसे ?

श्रीनगर 
आतंकियों की 90% खबर रखने वाली पुलिस हमेशा से निशाने पर कैसे ?

श्रीनगर के जेवन इलाके में सोमवार शाम पुलिस की बस पर आतंकी हमला हुआ। 12 घायल हैं जबकि दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए|कैसे पुलिस बस के करीब पहुंचे, फायरिंग की और भाग खड़े हुए।सवाल उठना है कि घाटी और खासकर श्रीनगर में इतने सख्त सुरक्षा इंतजामों के बावजूद यह हमला कैसे हो गया ? हथियार के नाम पर पुलिसकर्मियों के पास बस डंडा था।पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वेद के मुताबिक,आतंकियों के टारगेट राज्य के पुलिसकर्मी थे|आतंकियों की 90% खबर रखने वाली पुलिस हमेशा से निशाने पर कैसे ? 
प्रोटेक्शन पार्टी साथ क्यों नहीं थी?

जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वेद कहते हैं- कश्मीर में जब भी किसी पुलिस पार्टी की मूवमेंट होती है तो एरिया डॉमिनेशन के जरिए इसकी सुरक्षा की तैयारी की जाती है।जहां हमला हुआ है वहां CRPF, BSF, ITBP, JKP के भी कैंप हैं।यहां पुलिस की भारी तैनाती रहती है।यहां यकीनन बड़ी चूक दिखती है,सोमवार को क्या हुआ, ये समझ से परे है|पुलिस पार्टी मूवमेंट में वेपन (हथियार) होना चाहिए, लेकिन खबरें हैं कि ज्यादातर पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं थे।हमला हुआ है वो रिहायशी इलाका भी है। जहां से सिक्योरिटी फोर्सेज की मूवमेंट होती रहती है,ये वही इलाका है|

पुलिस क्यों निशाने पर?
जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वेद कहते हैं-सर्दियों में आमतौर पर आतंकी गतिविधियां कम हो जाया करती थीं, लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद उल्टा हो रहा है। आतंकवाद की सबसे ज्यादा कीमत पुलिसकर्मियों के परिवारों को ही अदा करनी पड़ रही है। हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर पुलिस पर हमले बढ़े हैं।पाकिस्तान को पता है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में सबसे अहम रोल पुलिस का है। इसलिए आतंकी पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं।