1111 मीटर लंबी पगड़ी संग निकली हनुमान जी की भव्य शोभायात्रा, हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद श्री मंशापूर्ण हनुमान के दर्शन कर अभिभूत हूँ : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
I am overwhelmed after seeing Shri Manshapurna Hanuman: Lakshyaraj Singh Mewar

1111 मीटर लंबी पगड़ी संग निकली हनुमान जी की भव्य शोभायात्रा, हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
श्री मंशापूर्ण हनुमान के दर्शन कर अभिभूत हूँ : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
उदयपुर। श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर श्री मंशापूर्ण हनुमान मित्र मंडल की ओर से बदनोर की हवेली स्थित श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में श्री हनुमान की 1111 मीटर लंबी पगड़ी शहर वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। इसके साथ ही शोभायात्रा में 251 कलश लेकर महिलाएं, धर्म पताका थामें 11 अश्वारूढ़ युवा, गजराज की सवारी, ऊंट-बग्गी, भगवान श्रीराम हनुमान और महादेव की झांकियां, अखाड़ा प्रदर्शन ने शोभायात्रा के मार्ग को हनुमानमयी कर दिया। शोभायात्रा के मार्ग पर पुराने उदयपुर की तंग गलियों में भक्त फूलो की बारिश कर हनुमान जी का आशीर्वाद लेते नजर आए।
शोभायात्रा से पहले पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मंशापूर्ण हनुमान के दर्शन किए श्री हनुमान की विशेष पूजा अर्चना कर उन्हें भोग धराया। मित्र मंडल की ओर से लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को मेवाड़ी पगड़ी और उपरणा पहनाकर स्वागत किया। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि हनुमान जन्मोत्सव पर श्री हनुमान के दर्शन कर वह अभिभूत हुए। मित्र मंडल द्वारा अरसों से चली आ रही परंपरा को जीवंत रख कर जिस जोश, उल्लास, कर्मठता से जन्मोत्सव मनाया है उसे देख कर मेवाड़ अभिभूत है।
मित्र मंडल के संरक्षक भूपेश मेहता ने बताया कि शोभा यात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर मीठा राम जी का मंदिर, भट्टियानी चौहट्टा, जगदीश चौक और घंटाघर से होकर पुनः मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पहुंची, जहाँ प्रभु श्रीराम के परमभक्त हनुमान को विधि - विधान , मंत्रोच्चार के साथ छप्पन भोग धराया गया साथ ही 1111 मीटर की सुसज्जित पगड़ी भी धारण करवाई गई।
अध्यक्ष राजेश तोषनीवाल ने बताया कि शाम को महा आरती का आयोजन किया गया। इसके साथ ही शाम को गुलाब बाग रोड स्थित हेमराज राष्ट्रीय व्यायामशाला में महा प्रसादी की गई। इस दौरान आयोजित भजन संध्या में देर रात तक भजनों पर श्रद्धालु झूमते गाते नजर आए तो वही जय श्री राम, वीर हनुमान के गगनभेदी जयकारें भी लगते रहे।