
गया। समारोह के मुख्य अतिथि राजसमन्द सांसद श्रीमती दीया कुमारी, अति विशिष्ट अतिथि चित्तौड़गढ़ सांसद श्री सीपी जोशी थे।
समारोह की अध्यक्षता संस्थान के उपाध्यक्ष भगवान सिंह जी मोही ने की तथा स्वागत अभिनंदन सचिव डॉ. महेंद्र सिंह जी आगरिया ने किया एवं प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड, कार्यकारिणी वि.प्र.सभा सदस्य भेरू सिंह जी ज्ञानगढ़, हनुमन्त सिंह जी बोहेड़ा, कुलदीप सिंह जी ताल, भानु प्रताप सिंह सोलंकी, सचिव ओल्ड बॉयज एसोसिएशन उपस्थित थे एवं अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छों और उपरणा धारण करवाकर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भूपाल नोबल्स उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा झांसी की रानी नृत्य प्रस्तुत भाग-भाग रे फिरंगी... की प्रस्तुति के साथ किया गया और अनुषा कंवर चुंडावत ने कविता पाठ कोई नेक काम हो जाए... प्रस्तुत किया। डॉ. महेंद्र सिंहजी आगरिया ने स्वागत उद्बोधन में आजादी के अमृत महोत्सव की शुभकामनाएं के साथ कहा की देश के प्रधानमंत्री जी का संदेश को दोहराया की देश स्वाभिमान के साथ उत्तरोत्तर विकास करें

हम कामना करें की देश स्वतंत्रता को बनये रखेंगे और स्वच्छंदता का त्याग करेंगे। भूपाल में पीजी कॉलेज ने राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत नृत्य प्रस्तुत किया और पारितोषिक वितरण हुआ। स्कूल के विद्यार्थीयों द्वारा नृत्य प्रस्तुति हुई। मुख्य अतिथि दिया कुमारी जी ने उद्बोधन में कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं यह हमारे लिए गौरव की बात है हमने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है नई पीढ़ी की देश के प्रति अधिक जिम्मेदारी है। इसको समझना है और इसे बचाए रखने का प्रयास करना है क्यांेकी हमे आजादी की बडी किमत चुकाकर देश के वीर-विरांगनाओं के बलिदान से प्राप्त हुई है। देश की जनता ने घर-घर तिरंगा महोत्सव में भाग लिया है गौरवशाली इतिहास को अपने हृदय में संजोकर रखना है, संस्कार को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाना है, संस्थान के विकास में यहां के पदाधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण है और हमें अच्छे इंसान बनने की जरूरत है। सांसद सीपी जोशी ने अपने संदेश में कहा कि हम इस संकल्प के साथ 75 वर्ष पूर्ण करें कि देश आजादी के जब 100 वर्ष पूरे करें तो राष्ट्र की संकल्पना एक भारत श्रेष्ठ भारत समृद्ध भारत स्वस्थ भारत साकार हो। युवा पीढ़ी को कडी मेहनत करनी होगी। तिरंगा हमारा स्वाभिमान है इसके रंग केसरीया-ताकत, सफेद-शान्ति व सद्भाव, हरा-विकास और उन्नति, चक्र-उतरोत्तर प्रगति की ओर संकेत करते है। हम अखंड व अक्षुण्य भारत की बात करते हैं और शिक्षा के साथ संस्कार व अनुशासन की महती भूमिका होती है। उन्होने अखण्ड भारत के लिए बप्पा रावल व प्रताप को याद किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में भगवान सिंह मोही ने शुभकामनाओं के साथ आभार प्रकट किया। प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी ने संस्थान की 100 वर्षो की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और बताया की संस्था के विद्यार्थीयों ने सेना में विभिन्न पदों पर रह कर देश की सेवा कर संस्थान के गौरव को बढाया है और मेवाड़ ने देश की स्वतंत्रता के लिए सबसे पहले अपना विलय हिन्दुस्तान में किया।
इस कार्यक्रम में विद्या प्रचारिणी सभा के सदस्यगण और सभी संस्था इकाइयों के प्रधान और कर्मचारी मौजूद थे। एनसीसी, आर्मी, एयर, और नेवी के कैडेट्स और एनएसएस के छात्र मौजूद थे।