नाकारा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह  खाचरियावास को बाड़मेर में रोज़ दिखने वाले लापरवाह दृश्यों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता। 

नाकारा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह  खाचरियावास को बाड़मेर में रोज़ दिखने वाले लापरवाह दृश्यों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता। 

नाकारा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह  खाचरियावास को बाड़मेर में रोज़ दिखने वाले लापरवाह दृश्यों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता। 

नाकारा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह  खाचरियावास को बाड़मेर में रोज़ दिखने वाले लापरवाह दृश्यों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता। 

भले ही लोग मारे जाएं , भले ही सड़कों पर लाशें बिछ जाए पर तथाकथित जिम्मेदारी वाला महकमा और उसके हाकिमों को इससे कोई मतलब नहीं मालूम होता।अब ज़रा इन फ़ोटो को देखिए।बदकिस्मती से यह दृश्य बाड़मेर के शहीद सर्किल का हैं। जी हां , इसी बाड़मेर के बालोतरा-जोधपुर मार्ग पर कुछ दिन पहले निजी बस ट्रेलर की भिड़ंत में 12 लोगों की मौत हो गई थी।
 मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का विभाग कितना लापरवाह हैं सभी जानते भी हैं। वैसे , जो मंत्री खुद अपनी पार्टी और सरकार बचाने की जद्दोजहद में मंत्री पद वाळी ज़िंदगी काट रहा हो उसके विभाग के "भ्रष्ट" होने को कोई रोक ही नहीं सकता।मीडिया चैनल्स पर अपनी तेज़ आवाज़ और गुर्राहट के भरोसे "शेर" बने "नेताजी" अवैधानिक बस संचालन पर चुप्पी साधे हैं।ऊपर से पुलिस कार्रवाई करें तो परिवहन विभाग के काम में अड़चन के आरोप भी लगा देंगे यह तय हैं।इस बस के चित्र को देखिए, सैकड़ो बच्चे अंदर भरे हैं और बस के ऊपर छत भी मासूमों की ज़िंदगी को दांव पर लगा भरी हुई हैं।
कहाँ हैं विभाग ? कहाँ हैं उसके ईमानदार अधिकारी और कहाँ हैं वो कानून जिसकी पालना के दम भरते अधिकारी रोज अपनी पीठ खुद ही ठोंककर शेर बने फिरते हैं ?