गुरुग्राम: द्वारका एक्सप्रेसवे पर भारी सूचना बोर्ड गिरने से बड़ा हादसा, चलती SUV चपेट में आई

हादसा शाम लगभग 6:45 बजे हुआ, जब Kia Sonet में सवार एक व्यक्ति गुरुग्राम की ओर जा रहा था। तेज हवाओं के चलते बोर्ड का आधार ढीला पड़ा और वह सड़क के बीचों-बीच गिर गया। गनीमत रही कि चालक को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन वाहन को भारी नुकसान पहुंचा।

गुरुग्राम: द्वारका एक्सप्रेसवे पर भारी सूचना बोर्ड गिरने से बड़ा हादसा, चलती SUV चपेट में आई

गुरुग्राम | 11 अप्रैल 2025: द्वारका एक्सप्रेसवे, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की पहचान बन चुका है, शुक्रवार शाम एक बड़े हादसे का गवाह बना। तेज धूल भरी आंधी के बीच सेक्टर 113 के पास राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा लगाया गया एक भारी सूचना बोर्ड अचानक एक चलती SUV पर आ गिरा।

हादसा शाम लगभग 6:45 बजे हुआ, जब Kia Sonet में सवार एक व्यक्ति गुरुग्राम की ओर जा रहा था। तेज हवाओं के चलते बोर्ड का आधार ढीला पड़ा और वह सड़क के बीचों-बीच गिर गया। गनीमत रही कि चालक को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन वाहन को भारी नुकसान पहुंचा।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस, NHAI और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। क्रेन की मदद से मलबा हटाया गया और यातायात को सुचारू किया गया। लगभग 8:30 बजे तक एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से चालू कर दिया गया।

स्थानीय नागरिकों की चिंता

स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे हाई-प्रोफाइल रूट पर इस तरह की सुरक्षा चूक चौंकाने वाली है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए NHAI की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

NHAI की प्रतिक्रिया

NHAI ने प्राथमिक रूप से इसे 'प्राकृतिक आपदा के कारण हुई घटना' बताया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और यदि किसी प्रकार की तकनीकी लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

द्वारका एक्सप्रेसवे: संभावनाओं के साथ चुनौतियाँ

गौरतलब है कि द्वारका एक्सप्रेसवे को भारत के सबसे आधुनिक और हाई-स्पीड कोरिडोर के रूप में विकसित किया गया है। यह क्षेत्र न केवल IT और फाइनेंशियल हब के रूप में उभर रहा है, बल्कि मेडिकल टूरिज्म, रियल एस्टेट और हाई-वे डेवेलपमेंट के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

लेकिन यह घटना यह स्पष्ट करती है कि बुनियादी ढांचे की मजबूती केवल तकनीक या खर्च से नहीं, बल्कि सुरक्षा मानकों के पालन से सुनिश्चित होती है!