मेवाड़ आरंभकाल से ही धर्म-संस्कृति के संरक्षण के लिए तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

मेवाड़ आरंभकाल से ही धर्म-संस्कृति के संरक्षण के लिए तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
मेवाड़ बोले : करोड़ों श्रद्धालु श्रीनाथजी को अपनी आत्मा में बसाए रखते और यह सौभाग्य कि श्रीनाथजी अपने ह्रदय में मेवाड़ को बसाए रखते हैं
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उदयपुर. श्रीकृष्ण जन्माटमी के उपलक्ष्य में शिवदल मेवाड़ की मटकी फोड़ प्रतियोगिता गुरुवार रात 10 बजे नेताजी सुभाषचंद्र बोस चौराहा, मल्लातलाई में मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के मुख्य आतिथ्य में हुई। इसमें लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की मेवाड़ पर हमेशा असीम कृपा रही है। यहां श्रीकृष्ण भक्ति के रंग में सराबोर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को देखकर बेहद खुशी हो रही है, क्योंकि मेवाड़ आरंभकाल से ही धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए तत्पर रहते हुए धर्म ध्वजा को फहराता आ रहा है और आगे भी फहराता रहेगा। मेवाड़ की कृष्ण भक्ति का प्रमाण यह है कि करोड़ों श्रद्धालु श्रीनाथजी को अपनी आत्मा में बसाए रखते हैं, लेकिन श्रीनाथजी अपने ह्रदय में मेवाड़ को बसाए रखते हैं। इतिहासकारों ने कई बार कहा कि मेवाड़ ने श्रीनाथजी की रक्षा की, संरक्षण दिया, लेकिन मेरा मानना है कि मेवाड़ इतना बड़ा नहीं है, क्योंकि श्रीनाथजी चाहते तो वे मेवाड़ नहीं, देश नहीं, बल्कि दुनिया में जहां चाहते वहां जाते और उनका चक्का वहां फंस जाता। लेकिन यह मेवाड़ का सौभाग्य है कि श्रीनाथ बाबा ने मेवाड़ में विराजने का निर्णय लिया। हम लोगों को श्रीनाथजी की चरण सेवा का सौभाग्य मिला।