प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में नौनिहालों का हुआ स्वागत।* *राजकीय योजनाओं का लाभ ले अभिभावक- दाधीच।*

प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में नौनिहालों का हुआ स्वागत।*  *राजकीय योजनाओं का लाभ ले अभिभावक- दाधीच।*

*प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में नौनिहालों का हुआ स्वागत।*

*राजकीय योजनाओं का लाभ ले अभिभावक- दाधीच।*

उपखंड मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुडामालानी में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी रामनिवास दाधीच, अध्यक्ष आरपी नरपतराम परमार, विशिष्ट अतिथि व्याख्याता शंभूदान बारहठ, संस्था प्रधान श्रीमती सांवरी विश्नोई के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।
नए सत्र में सभी बचों को स्कूल तक पहुंचाने एवं इसके लिए अधिकाधिक नामांकन सुनिश्चित करने को लेकर विभागीय निर्देश पर स्कूल के शिक्षकों व अतिथियों  ने छात्र-छात्राओं के साथ प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके तहत अतिथियों ने नव प्रवेशी बच्चों को तिलक लगा, मोली बांधी और माला पहनाकर मुंह मीठा करवाया। साथ ही पाठ्य पुस्तकें और आवश्यक सामग्री भेंट की। 
इस अवसर पर पीईईओ रामनिवास दाधीच ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट 3 से 18 वर्ष तक के विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनकी आयु के अनुरूप में आंगनबाड़ी और विद्यालयों से जोड़ने को लेकर प्रवेशोत्सव कार्यक्रम कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर राजकीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ ले।
 नरपतराम परमार ने कहा कि विद्यार्थी जीवन सबसे श्रेष्ठ जीवन होता है और विद्यालय की शिक्षा अनुशासन संस्कार से ही जीवन व्यक्तित्व का निर्माण होता है।शंभूदान बारहठ ने नवप्रवेशी  छात्रों को आनंददायी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते हुए बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी फोकस किया।
संस्था प्रधान सांवरी विश्नोई द्वारा विद्यालय में चल रही विद्यालय छात्र हितार्थ राजकीय योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर प्रवेशोत्सव प्रभारी तुलसी विश्नोई, अध्यापिका पूजा शर्मा, कविता विश्नोई, विनोद गोदारा, दीक्षा शर्मा, अफसाना बानो, जरीना खातून, अध्यापक खेमाराम नागल, गोकलाराम सुथार, उदयराज गोदारा सहित अभिभावक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
*इन पर रहेगा फोकस:-* शिक्षा से सबको जोड़ने के लिए चलाए जाने वाले इस प्रवेशोत्सव अभियान में 3 से 18 वर्ष तक के बच्चों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को भी विशेष रुप से स्कूल से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
*छूट जाती है पढ़ाई:-* आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार के बच्चों की पढ़ाई स्कूल के बीच में ही छूट जाती है। ऐसे में वह शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। इसी को लेकर सरकार के स्तर पर हर साल नया सत्र शुरू किया जाता है। साथ ही ड्रॉप आउट हुए बच्चों का डाटा तैयार किया  जाता है।