नव-नियुक्त उप वन संरक्षक डीएफओ सोनल जोरिहार ने संभाली चितौड़गढ़ जिले की कमान

नव-नियुक्त उप वन संरक्षक डीएफओ सोनल जोरिहार ने संभाली चितौड़गढ़ जिले की कमान

नव-नियुक्त उप वन संरक्षक डीएफओ सोनल जोरिहार ने संभाली चितौड़गढ़ जिले की कमान
@ महेन्द्र धाकड़
चित्तौड़गढ़ में नव-नियुक्त उप वन संरक्षक (वन्यजीव) सोनल जोरिहार ने अपना पद संभाल लिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिले में कई वन्य जीव और वन संपदा दुर्लभ है। इन्हें सुरक्षित करते हुवे बढ़ाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
4 जुलाई को राज्य सरकार ने भारतीय वन सेवा (आईएफएस)  की ट्रांसफर लिस्ट जारी की थी। जिसके बाद डीएफओ डॉ. टी मोहनराज का ट्रांसफर बूंदी टेरिटोरियल में कर दिया गया और बूंदी की ही डीएफओ को चित्तौड़गढ़ में लगाया गया। सोनल जोरिहार ने 6 जुलाई को ही ज्वाइन कर लिया था। उन्होंने इस दौरान बस्सी सेंचुरी का दौरा किया और स्टॉफ से सारी जानकारी ली।
डीएफओ सोनल जोरिहार ने बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य वन्यजीवों को बेहतर प्रोटेक्शन देने का है। जितने भी वन्यजीव है, उनको कोई हानि न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जो भी रेयर है, उनकी पॉपुलेशन बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा।
पर भी रोक लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद पता चला कि जंगलों से खैर की लकड़ियां चुराकर अवैध रूप से तस्करी की जाती है। इसको रोकने के लिए नाइट गश्त बढ़ाई जाएगी, जो कि जरूरत है और जितनी भी अवैध गतिविधियां है, उन पर रोक लगाई जाएगी। सीतामाता सेंचुरी में रहने वाले ट्राइबल्स को जो लाभ मिल सकें, उसकी कोशिश की जाएगी।

वन्यजीव मंडल है नया चैलेंज

डीएफओ सोनल 2011 बैच की आईएफएस ऑफिसर है। इससे पहले उन्होंने जालौर, जयपुर, सिरोही, बूंदी में रहकर डीएफओ का पद संभाला है। लेकिन पहली बार चित्तौड़गढ़ डिवीजन में आकर वन्यजीव मंडल में डीएफओ का पद संभाल रहे है। इससे पहले चार जिलों में उन्होंने टेरिटोरियल ही संभाला है। डीएफओ सोनल जोरिहार इसे अपने लिए एक नया चैलेंज मानती है। उनका कहना है कि चित्तौड़ की एक सेंचुरी में ही घूमना हुआ है, लेकिन काफी शांत एटमॉस्फेयर देखा गया है। इसके अलावा यहां कई चीजें पर्यटकों को आकर्षित कर सकती है, उस और भी ध्यान दिया जाएगा। वन्यजीव मंडल उनके लिए नया होने के कारण वह इस पर ज्यादा से ज्यादा मेहनत करना चाहती है।