वक्फ की जमीन पर अब नहीं चलेगा खेल: उदयपुर में मुस्लिम समाज से बोले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल – पारदर्शिता और अधिकारों की नई इबारत लिखी जाएगी!

देश में वक्फ संपत्तियों को लेकर दशकों से जारी विवादों, अनदेखियों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब एक निर्णायक मोड़ आया है। केंद्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने उदयपुर में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से खुला संवाद कर न सिर्फ भ्रांतियों को दूर किया, बल्कि आने वाले वक्फ अधिनियम संशोधन 2025 की रूपरेखा भी स्पष्ट कर दी।

वक्फ की जमीन पर अब नहीं चलेगा खेल: उदयपुर में मुस्लिम समाज से बोले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल – पारदर्शिता और अधिकारों की नई इबारत लिखी जाएगी!
वक्फ की जमीन पर अब नहीं चलेगा खेल: उदयपुर में मुस्लिम समाज से बोले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल – पारदर्शिता और अधिकारों की नई इबारत लिखी जाएगी!
वक्फ की जमीन पर अब नहीं चलेगा खेल: उदयपुर में मुस्लिम समाज से बोले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल – पारदर्शिता और अधिकारों की नई इबारत लिखी जाएगी!

उदयपुर।
देश में वक्फ संपत्तियों को लेकर दशकों से जारी विवादों, अनदेखियों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब एक निर्णायक मोड़ आया है। केंद्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने उदयपुर में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से खुला संवाद कर न सिर्फ भ्रांतियों को दूर किया, बल्कि आने वाले वक्फ अधिनियम संशोधन 2025 की रूपरेखा भी स्पष्ट कर दी।

यह संवाद केवल एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह एक संवाद का सेतु था – सरकार और समाज के बीच। जहां वर्षों से दबे मुद्दों को सामने लाकर ईमानदारी से जवाब दिए गए।

संशोधन का मकसद क्या है?
कानून मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह नया अधिनियम वक्फ संपत्तियों की ट्रांसपेरेंसी, डिजिटल रिकॉर्डिंग, और सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। अब कोई भी संपत्ति छुपाकर या अवैध कब्जे में नहीं रखी जा सकेगी।

“जो संपत्ति अल्लाह के नाम पर वक्फ हुई है, वह किसी व्यक्ति या संगठन की निजी जागीर नहीं हो सकती। उस पर पहला हक़ जरूरतमंदों का है।” – अर्जुन मेघवाल

मुस्लिम समाज से खुला संवाद:
इस संवाद में स्थानीय मौलाना, समाजसेवी, व्यापारी वर्ग, मुस्लिम महिला संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कईयों ने आशंकाएं जताईं कि क्या सरकार धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है?

इस पर मेघवाल ने जवाब दिया:
“यह कानून धर्म में दखल नहीं है, बल्कि धर्म की असल भावना – इंसाफ और ज़रूरतमंदों की मदद – को मज़बूत करने की कोशिश है।”

कांग्रेस पर करारा हमला:
मेघवाल ने बिना नाम लिए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि कुछ राजनीतिक दल इस सुधार को "धार्मिक रंग" देने की कोशिश कर रहे हैं।
“कांग्रेस जैसे दल वक्फ को अपने राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं, जबकि समाज को उसका वास्तविक लाभ नहीं मिला।”

बिल के ज़रिए होंगे ये बड़े बदलाव:
- वक्फ संपत्तियों की GIS मैपिंग और डिजिटल रिकॉर्डिंग
- ऑनलाइन पोर्टल से आम जनता को पारदर्शी जानकारी
- संपत्ति से मिलने वाली आय का समाज कल्याण में सीधा उपयोग
- महिला और युवाओं के लिए शिक्षा व रोज़गार में प्राथमिकता
- कब्जे, बेनामी ट्रांसफर, या घोटाले पर कड़ा दंड

भविष्य की दिशा:
यह अधिनियम केवल कानून नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की नींव है। सरकार चाहती है कि वक्फ से मिलने वाली संपत्ति की आय मदरसे, हॉस्पिटल, स्किल सेंटर्स और छात्रवृत्तियों में लगे – न कि अवैध सौदों और नेताओं की जेब में।