82 जिला और कार्यकारी प्रधानों में सिर्फ 3 महिलाएं,पंजाब में कांग्रेस ने मारा महिलाओं का हक

82 जिला और कार्यकारी प्रधानों में सिर्फ 3 महिलाएं,पंजाब में कांग्रेस ने मारा महिलाओं का हक

82 जिला और कार्यकारी प्रधानों में सिर्फ 3 महिलाएं,पंजाब में कांग्रेस ने मारा महिलाओं का हक
पंजाब में महिलाओं की उपेक्षा क्यों?

जालंधर
82 जिला और कार्यकारी प्रधानों में सिर्फ 3 महिलाएं,पंजाब में कांग्रेस ने मारा महिलाओं का हक

82 जिला प्रधानों और कार्यकारी प्रधानों में केवल 3 महिलाओं को लिया गया है। इन तीनों को भी मुख्य भूमिका में नहीं रखा गया।महिलाओं को संगठन से लेकर टिकटों में चालीस प्रतिशत आरक्षण देने के वादों की पोल पंजाब में खुल गई है। पंजाब में विधानसभा चुनाव से ढ़ाई महीने पहले कांग्रेस ने राज्य में पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के फार्मूले को लागू कर दिया, जिसका उनकी पार्टी के विधायक और विरोधी नेता करते रहे हैं।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार शाम जिला प्रधानों और कार्यकारी प्रधानों की जिस सूची पर आलाकमान की मुहर लगाई है उसमें सारे वादे-दावे हवा हवाई नजर आ रहे हैं।कांग्रेस की लिस्ट में तीन महिलाओं को जगह दी भी गई है।मतलब सीधा है कि जब तक प्रधान मौजूद है तो उनकी संगठन में कोई वैल्यू नहीं है। वह अपने स्तर पर न तो कोई फैसला ले सकती हैं और न ही कार्यकर्ताओं को निर्देशित ही कर सकती हैं।सिर्फ तीन महिलाओं को जगह दी गई है-इनमें लुधियाना शहरी से निक्की रियात, बठिंडा रूरल से किरणदीप कौर और होशियारपुर से यामिनी गोमर|


प्रियंका गांधी ने महिला शक्ति को संगठित करने के लिए इस बार विधानसभा चुनाव में चालीस प्रतिशत पार्टी की टिकटें महिलाओं को देने की घोषणा की थी। लेकिन उनकी यह घोषणा सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है। पंजाब में शायद इसका कोई वजूद नहीं है। यही वजह है कि यहां पर जिला स्तर के संगठन में साढ़े आठ प्रतिशत से भी कम महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका दिया गया है।