स्कूलों में प्रार्थना और कैंटीन बंद- बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं कर सकेंगे फोर्स, बाहर से आने वाले होंगे क्वारंटीन
स्कूलों में प्रार्थना और कैंटीन बंद- बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं कर सकेंगे फोर्स, बाहर से आने वाले होंगे क्वारंटीन
स्कूलों में प्रार्थना और कैंटीन बंद- बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं कर सकेंगे फोर्स, बाहर से आने वाले होंगे क्वारंटीन
जयपुर
अब स्कूलों में ऑनलाइन स्टडी से बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य।
प्रदेश में गृह विभाग ने कोविड की नई गाइडलाइन जारी कर दी है। स्कूलों में बढ़ते कोरोना केसेस को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि अब स्कूलों में ऑनलाइन स्टडी से 1 से 12 तक की क्लासेज में बच्चों को पढ़ाई करवाना अनिवार्य होगा। यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल और सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए नई गाइडलाइन लागू की गई है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बच्चों को ऑफलाइन स्टडी करने स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
प्रार्थना सभाओं-कैंटीन खोलने पर रोक
सरकार ने प्रार्थना सभाओं-कैंटीन खोलने पर भी रोक लगा दी है। बाहरी राज्यों के स्टूडेंट्स का आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। साथ ही जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन रखा जाएगा। जिन इंस्टीट्यूट्स में कोविड पॉजिटिव मिलेंगे। उस क्लास को 10 दिन के लिए बंद रखना होगा।
ऑनलाइन क्लासेज चलाना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य
प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने नई कोविड गाइडलाइन का आदेश जारी कर दिया है। अब स्कूल प्रबंधन बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। सभी स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेज चलानी होंगी। स्टाफ को स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। 2 गज की दूरी और मास्क अनिवार्य होगा। स्कूलों में प्रार्थना सभाएं नहीं होंगी। कैंटीन बंद रहेंगी। स्कूल को हर दिन सेनेटाइज करना होगा। भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम नहीं किए जा सकेंगे। बस,ऑटो और कैब ड्राइवर को 14 दिन पहले कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी जरूरी होगी। हालात को देखते हुए फैसले लेने की पावर जिला कलेक्टर को दे दी गई है।
सभी स्टूडेंट्स के पैरेटेंस से स्कूल आने के लिए परमिशन जरूरी
सभी स्टूडेंट्स की ओर से अपने माता-पिता या पैरेंट्स से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य होगा। तभी स्कूल में ऑफलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। कोई पैरेंट अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहता है,तो स्कूल उन पर अटेंडेंस का दबाव नहीं बना सकेंगे। साथ ही उन बच्चों के ऑनलाइन स्टडी की व्यवस्था करनी होगी।इंस्टीट्यूट आने वाले बस,ऑटो,कैब ड्राइवर वगैरह को 14 दिन पहले वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना जरूरी है। वाहन की बैठक क्षमता के अनुसार ही स्टूडेंट्स और स्टाफ को परमिशन होगी।
स्कूल स्टाफ और बच्चों की स्क्रीनिंग करनी जरूरी
सभी स्कूल स्टाफ और बच्चों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी। नो मास्क नो एंट्री की पालना जरूरी है। रेगुलर क्लासेज में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को दो गज की दूरी पर बैठाया जाएगा। प्रार्थना सभा और किसी भी तरह के भीड़ भाड़ के प्रोग्राम नहीं किए जा सकेंगे। मेन गेट में एंट्री से लेकर एक्जिट तक कैम्पस,क्लासेज में सोशल डिस्टेंस जरूरी होगी। कैंटीन को अगले आदेशों तक बंद रखा जाएगा। क्लास रूम,फैकल्टी रूम को सैनिटाइज किया जाएगा। खिड़की दरवाजे खुले रखने होंगे।
बाहरी राज्यों के होस्टल स्टूडेंट्स का आरटी-पीसीआर जरूरी, रिपोर्ट आने तक रहेंगे क्वारंटीनजिन इंस्टीट्यूट्स में होस्टल चल रहे हैं। उनमें बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होगा। रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा।
स्कूल प्रशासन और हेड पूरी तरह जिम्मेदार
गाइडलाइंस में कहा गया है कि अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करेंगे, साथ ही स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाएंगे। स्कूल प्रशासन और प्रधान पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। एजुकेशनल एक्टिविटी के लिए शिक्षा विभाग दिशानिर्देश जारी करेगा। कोरोना प्रोटोकॉल की पालना की मॉनिटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। किसी भी स्कूल, हॉस्टल या शिक्षण संस्थान को बंद करने या रोक लगाने के लिए जिला कलेक्टर ऑथोराइज्ड होंगे।
पॉजिटिव स्टूडेंट मिलने पर 10 दिन बंद रहेगी क्लास
कैम्पस में किसी भी स्टूडेंट,टीचर और कर्मचारी के कोविड पॉजिटिव या संभावित संक्रमण पाए जाने पर संबंधित क्लास को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा। स्टूडेंट,टीचर और कर्मचारी के कोविड पॉजिटिव लक्षण पाए जाने पर हॉस्पिटल, कोविड सेंटर में इलाज और आइसोलेशन के लिए रेफर करवाया जाएगा। इंस्टीट्यूट की ओर से एंबुलेंस का इंतजाम करवाया जाएगा। साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वो बच्चों के माता-पिता को सलाह दें कि परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार होने की जानकारी स्कूल और प्रशासन को दें। हेल्थ डिपार्टमेंट स्कूलों में रैण्डम सैम्पलिंग भी करवाएगा।
भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक, सामाजिक, राजनीतिक, खेलकूद , मनोरंजन, एजुकेशनल, कल्चरल, धार्मिक समारोह, त्योहारों, शादी समारोहों में मास्क, सेनेटाइजेशन अनिवार्य होगी। मास्क पहनना, हैण्ड सेनेटाइजर, वर्क प्लेस पर सफाई जरूरी होगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना नहीं है, भीड़ नहीं करनी है, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है। जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निकाय जॉइंट एनफोर्समेंट टीम -JET बनाकर एक स्पेशल कैम्पेन चलाएंगे। जिसमें कोविड गाइडलाइन की पालना जांची जाएगी।