हमारी संस्कृति और धरोहरों के संरक्षण में प्रधानमंत्रीजी की यह पहल निजी संग्रहालयों के लिए भी प्राणवायु साबित होगी : लक्ष्यराज सिंह
Prime Minister's initiative to preserve our culture and heritage will prove to be lifeline for private museums as well: Lakshyaraj Singh

हमारी संस्कृति और धरोहरों के संरक्षण में प्रधानमंत्रीजी की यह पहल निजी संग्रहालयों के लिए भी प्राणवायु साबित होगी : लक्ष्यराज सिंह
अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का दिल्ली में पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
उदयपुर, 18 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर गुरुवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का उद्घाटन किया। उद्घाटन से पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनियों को देखा और भारतीय विरासत की विभिन्न कलाकृतियों की जानकारियां ली। मेवाड़ के सांस्कृतिक और एतिहासिक विरासत को देखकर अभिभूत हुए। इस अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के शुभारंभ के मौके पर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के पूर्व सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि पहली बार एक साथ एक ही छत के नीचे देशभर के संग्रहालयों की विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरों को देखकर अभिभूत हैं। यह बड़ी खुशी की बात है। यहां सभी को एक दूसरे से कुछ नया जानने और सीखने का अवसर मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि हमारी संस्कृति और धरोहरों के संरक्षण में प्रधानमंत्रीजी की यह पहल निजी संग्रहालयों के लिए भी प्राणवायु साबित होगी। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने इस अवसर पर मेवाड़ की वैभवशाली प्रदर्शित धरोहर में विष्णु भगवान की शोभायात्रा में उपयोग में ली जाने वाली पारंपरिक एवं ऐतिहासिक 'रामरेवाड़ी' और सन् 1911 के दिल्ली दरबार में महाराणा फतह सिंह जी के लिए लगी ऐतिहासिक 'कुर्सी' के बारे में बताया। 18 मई से 20 मई तक तीन दिवसीय इस 'अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो' का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के दूसरे चरण के रूप में किया गया है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की थीम 'संग्रहालयों की स्थिरता और कल्याण' रखा गया है । इस एक्सपो में संग्रहालयों के विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिकारियों, विभागों के सहयोग से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों को प्रस्तुत किया गया है। जिसमें महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा संचालित सिटी पैलेस संग्रहालय के प्रतिनिधि दल ने संग्रहालय में संग्रहित मेवाड़ की गौरवशाली संस्कृति और विरासत को उनकी विशेषताओं और ऐतिहासिकता के साथ खास झलकियों के रूप में प्रस्तुत किया है।