जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा प्रदेश में आगामी गर्मियों में समुचित पेयजल प्रबंधन
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा प्रदेश में आगामी गर्मियों में समुचित पेयजल प्रबंधन

जयपुर,
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) द्वारा प्रदेश में आगामी गर्मियों में समुचित पेयजल प्रबंधन की दृष्टि से पानी की सम्भावित अतिरिक्त मांग के मद्देनजर में जिला कलक्टर्स को कंटीजेंसी प्लान के तहत आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है।जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी की मंजूरी के बाद विभाग की ओर से इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिया गया है। डॉ. जोशी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत राशि का युक्तियुक्त उपयोग करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जिला कलक्टर्स के साथ समन्वय से कार्य करे, जिससे किसी भी आकस्मिक कार्य के लिए इस राशि का उपयोग कर मौके पर लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा किया जा सके।डॉ. जोशी ने समर-2022 में अधिकारियों को वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित सभी पेयजल योजनाओं के बेहतरीन प्रबंधन एवं इनके जरिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल आपूर्ति पर फोकस करने के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया है। उन्होंने गर्मियों में बेहतर पेयजल प्रबंधन में विभाग के संसाधनों का भरपूर उपयोग करने के लिए अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हैंडपम्प एवं ट्यूबवेल कमिशनिंग सहित अन्य कार्यों को भी समय पर पूरा करने को कहा है।उन्होंने बताया कि पीएचईडी में उच्च स्तर पर आगामी गर्मियों में पूरे प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा में कुल मिलाकर स्थिति संतोषजनक पाई गई है। फिर भी तेज गर्मियों के दिनों में विशेष तौर पर पश्चिमी राजस्थान सहित कुछ अन्य स्थानों पर पेयजल की सम्भावित अतिरिक्त मांग को देखते हुए व्यापक बंदोबस्त किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में सभी जिलों में कलक्टर्स को आकस्मिक तौर पर 50 लाख रुपये तक के कार्य कराने के लिए अधिकृत किया गया है। जिला कलक्टर्स अपने जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार 50 लाख रुपये की सीमा में पीएचईडी के अधिकारियों से कार्य करा सकेंगे। जिला कलक्टर्स की अनुशंसा के अनुसार सभी जिलों में पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं (एसीई) द्वारा कंटीजेंसी मद के कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जाएगी।पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत की ओर से इस बारे में जिला कलक्टर्स को कंटीजेंसी प्लान के तहत जारी राशि के उपयोग में प्राथमिकता के तौर पर पम्प या मोटर को बदलने, किसी ट्यूबवेल के अचानक फेल हो जाने पर स्रोत के निर्माण, पुरानी पाइपलाइन की मरम्मत या उसे बदलने तथा जल योजना के संचालन से सम्बंधित पैनल व स्टार्टर आदि इलैक्ट्रिक एसेसरीज को बदलने जैसे छोटे-छोटे कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार नहरबंदी वाले जिलों में कम गहराई वाले बोरवेल निर्माण, प्रभावित क्षेत्रों में जल परिवहन, निजी स्रोतों को किराए पर लेने, कैनाल एरिया में वाटर पोंडिंग, कॉफर डैम निर्माण, नए स्टोरेज एवं वाटर लिफ्टिंग व्यवस्था जैसे कार्य कराए जा सकेंगे।नहरबंदी के समय सम्बंधित जिलों में कंटीजेंसी मद से कराए जाने वाले कार्यों और पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित गतिविधियों के बारे में विभागीय अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट जलदाय मंत्री एवं एसीएस को भेजनी होगी। सभी जिला कलक्टर्स द्वारा अपने स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकों में इस मद में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सभी जिलों में स्वीकृत राशि की सीमा में ही आकस्मिक प्रकृति के कार्यों को कराया जाएगा, फिर भी यदि किसी जिले में विशेष परिस्थिति में 50 लाख रुपये के अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हो तो इस बारे से सक्षम स्तर से निर्णय लिया जाएगा।