दो कांस्टेबलों की हत्या सहित दर्जनों अपराधों के आरोपी राजू फौजी गिरफ्तार

दो कांस्टेबलों की हत्या सहित दर्जनों अपराधों के आरोपी राजू फौजी गिरफ्तार

दो कांस्टेबलों की हत्या सहित दर्जनों अपराधों के आरोपी राजू फौजी गिरफ्तार

दो कांस्टेबलों की हत्या सहित दर्जनों अपराधों के आरोपी राजू फौजी गिरफ्तार

जोधपुर

राजू CRPF में भर्ती होने के बाद से ही गांव में फौजी के नाम से प्रसिद्ध हो गया, जबकि उसने कभी फौज की नौकरी ही नहीं की।भीलवाड़ा में 8 महीने पहले दो पुलिस कॉन्स्टेबल की हत्या कर फरार हुए कुख्यात तस्कर राजू फौजी को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया। जोधपुर शहर के बाहरी छोर पर शनिवार तड़के अपनी बाइक पर जा रहे राजू फौजी को पुलिस की टीम ने घेर लिया। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चला दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसके पैर पर गोली लगी। गोली लगने के बाद राजू बाइक से गिर गया। उसके सिर और कोहनी में भी चोट आई है। कड़े सुरक्षा घेरे में उसे एमडीएम अस्पताल लाया गया।डीसीपी ईस्ट भुवन भूषण यादव ने बताया कि अजमेर आईजी की ओर से गठित विशेष टीम को कल सूचना मिली थी कि राजू फौजी जोधपुर के बनाड़ में है। इस पर कल रात अजमेर से आई टीम के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी व जवानों की एक टीम को भेजा गया। टीम ने पूरी रात निगरानी रखी। सुबह छह बजे राजू फौजी ने भागने प्रयास किया। पुलिस ने पीछा किया तो उसने गोली चला दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके घुटने में गोली लगी। यादव ने बताया कि उसका सीटी स्कैन कराया जा चुका है। स्थिति सामान्य है और जान का कोई खतरा नहीं है।दस अप्रैल को दो भीलवाड़ा में दो पुलिस कॉन्स्टेबल की गोली मार हत्या कर देने के बाद राजू फौजू को पकड़ना पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। राजू को पकड़ने के लिए जोधपुर व भीलवाड़ा पुलिस की विशेष टीम गठित की गई थी। टीम लगातार राजू की तलाश में जुटी थी। आज सुबह टीम ने राजू के मोबाइल का आईपी एड्रेस ट्रेस करने में सफलता हासिल कर उसकी लोकेशन ढूंढ़ निकाली और उसे गिरफ्तार कर लिया।

2005 में छुट्‌टी लेकर आया और लौटा ही नहीं

राजू विश्नोई उर्फ राजूराम फौजी बाड़मेर जिले के डोली गांव का है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही राजू CRPF (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) में भर्ती हो गया। नौकरी लगने के बाद घरवालों ने शादी भी कर दी। उसमें पैसा कमाने की सनक थी। वर्ष 2005 में छुट्‌टी लेकर आया राजू वापस लौटा ही नहीं। राजूराम फौजी कम समय में अधिक पैसा कमाने की चाह में तस्कर बन गया। सबसे पहले अफीम व डोडा की तस्करी की। इसके बाद उसने कई अपराध किए। CRPF में भर्ती होने के बाद से ही वह गांव में फौजी के नाम से प्रसिद्ध हो गया, जबकि उसने कभी फौज की नौकरी ही नहीं की।

अब तक 15 मामले दर्ज

राजू फौजी के खिलाफ पहला मामला वर्ष 2005 में जोधपुर के शास्त्री नगर थाने में दर्ज हुआ। अब तक उसके खिलाफ 15 मामले दर्ज हो चुके हैं। राजू कई बड़े तस्करों से भी जुड़ा। 2013 से अपने स्तर पर तस्करी करने लगा। उसने अफीम व डोडा पोस्त की तस्करी में जमकर पैसा कमाया। राजू ने कई लोगों को अपने साथ जोड़ लिया। कई हथियार भी जुटाए।

हार्डकोर कैलाश मांजू की सुपारी ली

हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने हाल ही में लाखों रुपए में सुपारी ली थी। वह उसे मार पाता उससे पहले मामला खुल गया और उसके कुछ साथी पुलिस की पकड़ में आ गए। इस बीच उसने अफीम की बड़ी खेप लाने के दौरान भीलवाड़ा में पुलिस के 2 कांस्टेबल की हत्या कर दी। पुलिस लंबे अरसे से उसकी तलाश में है।

खेती करता है परिवार

राजू फौजी के परिचितों का कहना है कि उसके परिवार में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। परिवार खेती पर निर्भर रहा है। राजू के दो भाई व तीन बहन थीं। एक बहन की मौत हो गई है। उसके खुद के तीन बच्चे हैं