राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला- योगेन्द्र कुमार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला- योगेन्द्र कुमार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला- योगेन्द्र कुमार।

संघ की शाखा से होता है व्यक्तित्व विकास- प्रांत प्रचारक।

आरएसएस की शिवाजी शाखा का वार्षिकोत्सव मनाया गया।

गुड़ामालानी, बाड़मेर। मुख्यालय स्थित शिवाजी प्रभात तरूण व्यवसायी शाखा का वार्षिकोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक योगेन्द्र कुमार उपस्थित रहे। वार्षिकोत्सव में शाखा के सभी स्वयंसेवकों ने सामूहिक योग, व्यायाम, आसन आदि किए। प्रारंभ में शाखा की दिनचर्या के अनुसार कार्यक्रम हुए।


कार्यक्रमों के माध्यम से समरसता, बंधुत्व व राष्ट्रीय एकीकरण की संकल्पना को साकार किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जोधपुर प्रांत प्रचारक योगेन्द्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला है।

देशभक्ति से ओतप्रोत होकर हिन्दू समाज को एकजुट करने के लिए संघ की स्थापना की। आज शाखाएं समाज को जागृत करने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। शाखा में आने वाला व्यक्ति खेल-खेल में व्यक्तित्व का विकास कब कर लेता है, पता नहीं चलता है।

संसार में सब कुछ सुलभ है, लेकिन सज्जन मनुष्यों का अभाव है। सज्जन और सात्विक विचार युक्त व्यक्ति का निर्माण संघ की शाखा करती है। देशभक्ति और अनुशासन वर्तमान समय में समाज की आवश्यकता है। एकता के सूत्र में संपूर्ण मानव समाज को पिरोए बिना देश को भव्य एवं दिव्य नहीं बनाया जा सकता है। संघ की शाखा में स्वयंसेवकों के भीतर साहस, समर्पण और स्वाभिमान और देशभक्ति का भाव पैदा किया जाता है।


उन्होंने कहा कि संघ को केवल शाखा में आकर ही समझा जा सकता है। संघ ने हमेशा संपूर्ण हिन्दू समाज को जोड़ने का कार्य किया है। समाज में समरसता हमेशा बनी रहे, इस पर जोर दिया है। उन्होंने वार्षिक उत्सव के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि शाखा के वार्षिकोत्सव को पूरा समाज देखता है और देश सेवा की प्रेरणा लेता है।

संघ 1925 में शुरू हुआ उस समय परिस्थितियां अलग थी लेकिन आज संघ 100 वर्ष का हो रहा है। संघ के संस्कार और संघ को प्रत्येक नागरिक एवं स्वयंसेवक अपने जीवन में उतारे। उन्होंने कहा कि सारी परिस्थितियों में संघ संपूर्ण हिंदू समाज को साथ लेकर देश समाज के हित में कार्य कर रहा है तथा संघ एक विशेष लक्ष्य को लेकर देशभर में समाज के बीच में कार्य कर रहा है। उसी लक्ष्य के अनुरूप ही भारत माता की जय-जयकार संपूर्ण देश भर में नहीं अपितु विश्व में भी गूंज रही है यही संघ का दृष्टिकोण है।