आजादी के बाद युवा जनप्रतिनिधि ने संभाली पंचायत की बागडोर, गरीबों के मसीहा बने ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच।

आजादी के बाद युवा जनप्रतिनिधि ने संभाली पंचायत की बागडोर, गरीबों के मसीहा बने ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच।

आजादी के बाद युवा जनप्रतिनिधि ने संभाली पंचायत की बागडोर, गरीबों के मसीहा बने ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच।
आजादी के बाद युवा जनप्रतिनिधि ने संभाली पंचायत की बागडोर, गरीबों के मसीहा बने ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच।

सिरोही (रेवदर)
आजादी के बाद युवा जनप्रतिनिधि ने संभाली पंचायत की बागडोर, गरीबों के मसीहा बने ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच।

रेवदर के ग्राम पंचायत उड़वारिया के सरपंच जेताराम चौधरी हर वक़्त गरीबों के मसीहा की तरह अपने पंचायत में कर रहे हैं काम, ग्राम पंचायत में पांच ग्राम आते हैं जिनमें आदिवासी इलाके भी शामिल हैं और माउंट आबू अभ्यारण के बिल्कुल पास में जुड़ा हुआ पिछड़ा इलाका है पहले से  पांचों ग्रामों में पानी, बिजली, सड़क, तालाब और अन्य प्रकार की सुविधाओं से वंचित रहे और। युवा सरपंच जेताराम चौधरी के 2 साल के कार्यकाल में हर गांव में पानी, बिजली , जमीन के पट्टे, अतिक्रमण हटवाया, गांवों की साफ सफाई और सीसी रोड के निर्माण के कार्य करवाए, पंचायत के गांव उड़वारिया में सीसी टीवी कैमरे, बाथरूम और रोड लाइट का कार्य करवाया।पंचायत केआदिवासी इलाके जैसे बोकि डेरली, बारी खेड़ा, बुरारी खेड़ा में लोगों ने बातचीत में बताया कि आजादी के बाद पहला ऐसा युवा सरपंच है जो कि बिना ठेकेदारी और मजदूरों के स्वयं अपने हाथों से नल कनेक्शन और अन्य प्रकार के कार्य करते हैं और हर क्षेत्र में सरपंच युवाओं से काफी लगाव रखते हैं और युवाओं के साथ मिलकर हमेशा कार्य करते हैं ।