महाराव सूरतान की मूर्ति अनावरण माउंटआबू में आज महाराज रघुवीर सिंह जी देवडा के कर कमलों द्वारा किया गया।
महाराव सूरतान की मूर्ति अनावरण माउंटआबू में आज महाराज रघुवीर सिंह जी देवडा के कर कमलों द्वारा किया गया।
सिरोही
महाराव सूरतान की मूर्ति अनावरण माउंटआबू में आज महाराज रघुवीर सिंह जी देवडा के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस महान अवसर पर कई गणमान्यो ने पधार कर महाराव सूरतान की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और सिरोही के इतिहास व महाराणा प्रताप के युध्द के समय सहयोग और विश्राम महाराव सूरतान सिरोही के यहां किया गया था , महाराव सूरतान महान तिरंजबाज और महान निशानेबाज थे , अकबर ने सिरोही पर कितनी बार आक्रमण करने की कोशिश की,लेकिन कभी नहीं जित सका हारके भागना पड़ा , यह जानकारी सिरोडी ठाकुर साहब भवानी सिंह जी देवड़ा ने दी ।
17 अक्टूबर, 1583 ई.
"दत्ताणी का युद्ध"
ये युद्ध मुगल बादशाह अकबर की फौज व सिरोही महाराव है सिंह देवड़ा के बीच हुआ ये युद्ध विक्रम संवत् 1640 कार्तिक सुदी 11 को लडा गया
महाराव सुरताण केसर नामक घोड़ी पर सवार थेसिरोही की तरफ़ से पाडीव के 72 वर्षीय ठाकुर संवर सिंह ने बड़ी वीरता दिखाई सिरोही के एक अन्य वीर आसिया ने बाण वर्षा करके मदमस्त हाथियों को पीछे धकेल दिया दत्ताणी के युद्ध में राव सुरताण के नेतृत्व में सिरोही की फौज के हाथों अकबर के तीनों सेनापति जगमाल, रायसिंह व कोली सिंह मारे गए
इनमें से राव चंद्रसेन के तीसरे पुत्र रायसिंह राठौड़ को स्वयं महाराव सुरताण ने तलवार के वार से मारा जगमाल सिसोदिया के पीछे उसकी 6 पत्नियाँ सती हुईं राव सुरताण देवड़ा ने दत्ताणी के युद्ध में ऐतिहासिक विजय प्राप्त की।