घर-घर संस्थागत वन लगाकर बङे हरित बदलाव लाना ही पारिवारिक वानिकी का मूल उद्देश्य* - पर्यावरण चेतना यात्रा से लोगों कर रहें प्रेरित 

घर-घर संस्थागत वन लगाकर बङे हरित बदलाव लाना ही पारिवारिक वानिकी का मूल उद्देश्य* - पर्यावरण चेतना यात्रा से लोगों कर रहें प्रेरित 

*घर-घर संस्थागत वन लगाकर बङे हरित बदलाव लाना ही पारिवारिक वानिकी का मूल उद्देश्य*
- पर्यावरण चेतना यात्रा से लोगों कर रहें प्रेरित 

बाङमेर : पौधे लगाओ जीवन बचाओ अभियान के तहत शुक्रवार को ग्राम पंचायत हाथीतला में जाखङों की ढाणी में पर्यावरण पाठशाला की स्थापना की गई। पारिवारिक संस्थागत वाटिका में छायादार, फूलदार और औषधीय 100 पौधे लगाए। ईटों से विभिन्न आकृतियों में लुक देकर दोब व डिजाईदार पौधे रोपे। 
समाजसेवी विशनाराम जाखङ ने लोगों को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण के लिए घर-घर पौधे लगाने को प्रेरित किया। 
अभियान के संयोजक भेराराम भाखर ने कहा कि गांव, ढाणी, विद्यालयों और घर-घर छोटे संस्थागत वन स्थापित कर बङे हरित बदलाव किए जा सकते है पर्यावरण यात्रा से आमजन को जोङना, पर्यावरण के प्रति समझ पैदा करना, पौधों को परिवार का हरित सदस्य बनाना और छोटे बालक की तरह पौधों की परवरिश कर पेङ बनाना ही पारिवारिक वानिकी अवधारण का मूल उद्देश्य है। 
पर्यावरण चेतना यात्रा ने हालेपोतरो की बस्ती, रामसर सहित कई जगह युवाओं के जन्मदिन, पारिवारिक रियाणों, शौक संतप्त घरों में पौधे लगाए और जागरूकता के पेम्पलेट वितरण कर लोगों से संवाद करते हुए  जीवन जीने के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व के बारे में जानकारी दी। 
वयोवृद्ध झीमोदेवी ने कहा कि पौधे धरती के श्रृंगार और जीवन के आधार है। पौधे वातावरण को स्वच्छ और शुद्ध रखते है। 
इस दौरान लालाराम जाखङ, विशनाराम जाखङ, भगाराम, रामाराम, रणछी जोगाराम सियाग, गनीखान हालेपोतरा सहित महिलाएं, पुरूष, छोटे बालक उपस्थित रहें।