सविंधान का मूल स्रोत हमारा समाज- अधिवक्ता शक्तावत"
The basic source of the constitution is our society - Advocate Shaktawat

सविंधान का मूल स्रोत हमारा समाज- अधिवक्ता शक्तावत"
भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के विधि संकाय के अधिष्ठाता डॉ अभय जारोली ने बताया कि संस्थान के शताब्दी वर्ष महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 26.11.2022 को संकाय में 'संविधान दिवस ' के
उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरूआत में विधि संकाय के अधिष्ठाता डॉ अभय जारोली ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में डॉ जारोली ने विद्यार्थियों को सदैव अपने जीवन में संयमित जीवन जीने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता श्री दुर्गासिंह जी शक्तावत ने अपने उद्बोधन में बताया कि संविधान का मूल स्रोत हमारा समाज है एवं कोई भी कानून संविधान के बेसिक दायरे से बाहर नहीं हो सकता है। किसी भी देश का संविधान वहां के सभ्य नागरिको की भावना का लिखित रूप से क्रियान्वयन है, साथ ही कानून समाज की वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए निरन्तर रूप से बदले जाने की व्यवस्था है। मुख्य वक्ता ने महात्मा बुद्ध द्वारा दिये गये उपदेश संगम शरणम गच्छामी के सिद्धान्त के आधार पर संविधान निर्मात्री सभा द्वारा संविधान का निर्माण करना बताया। संविधान दिवस मनाने की सार्थकता तभी होगी जब किसी भी देश की जनता का आपस में संवाद करेगी, जागृत होगी एवं अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में समझेगी । कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि विधि संकाय की उपसमिति के चेयरमेन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मोती सिंह जी झाला ने अपने उद्बोधन में छात्रों को अनुशासित रहेने एवं नियमित रूप से कक्षाओं में अपनी उपस्थिति देने के लिए प्रेरित किया साथ ही समय के सदुपयोग की महत्वत्ता को समझाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट प्रोफेसर नरेश बहादुर सिंह जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि संविधान के माध्यम से ही किसी राष्ट्र को एक रखा जा सकता है साथ ही उन्होंने छात्रो एवं स्टाफ सदस्यों को एक संगठित ईकाई में कार्य करने हेतु प्रेरित किया । कार्यक्रम में उपस्थित सामाजिक एवं मानविकी संकाय के सह-अधिष्ठाता एवं इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ भानु कपिल ने वर्तमान समय के एक महत्वपूर्ण विषय "समान नागरिक संहिता एवं संविधान के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपने मूल्यवान विचार प्रस्तुत किये। संकाय सदस्या श्रीमती विष्णुप्रिया दाधीच द्वारा उपस्थित वक्ताओं एवं श्रोताओं को प्रस्तावना वाचन करवाया गया। कार्यक्रम के अन्त में संकाय सदस्या श्रीमती किरण चौहान ने समारोह में पधारे हुऐ अतिथियो का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ कृष्णा राणावत डॉ शीखा नागौरी, डॉ पुष्पलता डांगी, श्री पियुष चव्हाण, श्री चन्द्रभान सिंह राणावत, श्री मुकेश कोठारी एवं श्री विश्वपाल सिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन छात्रा सुश्री पदम कंवर कृष्णावत एवं सुश्री अंजली जिनगर द्वारा किया गया।