शासन ने किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है अब आंदोलन ही अंतिम विकल्प है - भारतीय किसान संघ
The government has attacked the interests of the farmers, now agitation is the last option - Bharatiya Kisan Sangh

शासन ने किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है अब आंदोलन ही अंतिम विकल्प है - भारतीय किसान संघ
@ महेन्द्र धाकड़
चितौड़गढ़
। बेगूं तहसील क्षेत्र के बानोडा बालाजी परिसर में भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत की दो दिवसीय चिंतन बैठक आयोजित की। रविवार को अंतिम दिन बैठक में भारतीय किसान संघ ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन करने के संकेत दिए हैं। भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि दो दिवसीय चिंतन बैठक बानोड़ा बालाजी पर संपन्न हुई। जिसमें 16 मई से जयपुर कूच करने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर, महामंत्री अंबालाल शर्मा, संगठन मंत्री परमानंद, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवराज पुरी ने संबोधित किया। इस दौरान प्रांत के सभी 16 जिलों और 4 सम्भाग से आए किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि शासन ने किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है। अब किसानों के सामने आंदोलन के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं बचा है। सरकार के खिलाफ आंदोलन की पूरी रणनीति तैयार है, जल्दी ही कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है। अभी हाल ही में बूंदी में किसान ने आत्महत्या की है। सरकार का बीमा कंपनियों पर कोई दबाव नहीं है। सरकारी गिरदावरी में 30% से अधिक खराबा नहीं दिखाने के लिए अधिकारियों पर दबाव है। जिसके खेत का धनिया असमय बारिश में बह गया। उसका भी खराबा 30% दिखाया जा रहा है। यह किसान के साथ मजाक है। आपदा राहत राशि भी किसी को 2 रुपए तो किसी को 200 रुपए मिल रहा है। यह किसानों के साथ हास्यास्पद स्थिति है। उन्होंने कहा कि 5 प्रकार से बिजली पैदा होने के बावजूद राजस्थान में किसानों को ना तो निर्बाध बिजली मिल पा रही है और नहीं उसका मूल्य ही कम किया गया है। चुनाव में सभी पार्टियों को किसानों का मांग पत्र दिया जाएगा।
आपदा राहत कोष से मिलने वाली राशि बीमा राशि को काटकर दी जा रही है। जो किसान के साथ अन्याय है। पूर्वी नहर परियोजना को फुटबॉल बना दिया गया है। फसल खराब होने पर गिरदावरी के नाम पर माहौल तो बहुत बनाया जाता है, लेकिन खराबा वर्ष 2019, 2021 और 2022 का अभी भी बकाया है।सरकार ने सरसों की खरीद का 15 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है। जबकि सकल उत्पादन 120 लाख टन है। यह ऊंट के मुंह में जीरा है। इस दौरान आन्दोलन संयोजक रघुनाथ सिंह नाथावत ने नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि अगले कुछ दिनों में किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकला तो अगले महीने राजस्थान भर के किसान जयपुर कूच करेंगे।
इस दौरान बैठक में बद्रीलाल जाट,शिवराज पुरी, राममूर्ति मीणा,जगदीश खाती,महेंद्र सिंह, रघुनाथ सिंह नाथावात,आशीष मेहता,रजनी धाकड़,राजेंद्र दुबे,परताराम,राधेश्याम गुर्जर,कमलेंद्र सिंह,राजेन्द्र शर्मा, बाबूसिंह रावत,राजेश शर्मा,गोकुल वैष्णव, केशव पोरवाल,श्रीकिशन पाटीदार,सोहनलाल, ओमप्रकाश आमेटा,लाभचंद धाकड़,कन्हैया लाल गुर्जर,गोपाल लाल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।