जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को लेकर विश्व समुदाय चिंतित: भाकर*  - रेडाणा रण पहुंची पर्यावरण चेतना यात्रा, 27 हजार किमी. यात्रा पूरी 

जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को लेकर विश्व समुदाय चिंतित: भाकर*  - रेडाणा रण पहुंची पर्यावरण चेतना यात्रा, 27 हजार किमी. यात्रा पूरी 

*जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को लेकर विश्व समुदाय चिंतित: भाकर* 
- रेडाणा रण पहुंची पर्यावरण चेतना यात्रा, 27 हजार किमी. यात्रा पूरी

बाङमेर : पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थलीकरण रोकथाम और पर्यावरण संरक्षण को लेकर पर्यावरण कार्यकर्त्ता भेराराम आर भाकर पारिवारिक वानिकी मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बाईक पर निकाल रहें पर्यावरण चेतना यात्रा रविवार को रेडाणा रण पहुंची। 
इस दौरान उन्होंने बाईक पर 27 हजार किमी. यात्रा पूरी की। 
पेशे से अध्यापक भाकर छुट्टी के दिन रेगिस्तानी क्षेत्र में गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर नुक्कड सभाएं कर आमजन को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागृत कर रहें है और वृक्षारोपण कराकर परिवारों को पेङ-पौधों से जुङाव करा रहें है। 
इस दौरान लोगों से संवाद करते हुए भाकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को लेकर विश्व समुदाय गंभीर चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र संघ का दो सप्ताह चलने वाला 27 वाँ जलवायु परिवर्तन सम्मेलन मिश्र में 6 नवम्बर से शुरू हुआ है। इसमें 200 देशो को राष्ट्राध्यक्ष, पर्यावरण मंत्री शरीक होकर जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिकीय तंत्र, जैव विविधता के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस नीति बना रहें है। 
उन्होंने कहा कि हमारे देश भारत में दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश राज्यों सहित बङे शहरो में प्रदुषण को लेकर हालात भयावह है। वायु प्रदूषण से सांसें लेना मुश्किल हो रहा है और जन-जीवन प्रभावित होने लगा है। पर्यावरण खराबे के घटको को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक पेङ लगाने, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई रोकने, वाहनों के आवागमन में कमी लाने, वन्यजीव जन्तुओं को बचाने और जल संरक्षण करने की जरूरत है। यात्रा के रण पहुंचने पर गनीखान हालेपोतरा के नेतृत्व में पर्यावरण प्रेमियों ने स्वागत किया। 
 उल्लेखनीय है कि पर्यावरण कार्यकर्त्ता भाकर द्वारा पिछले 23 वर्षो में पौधे लगाओ जीवन बचाओ अभियान के तहत 4 लाख पौधे लगवाए है। गत वर्ष बाङमेर जिलेभर में सहजन के 1.5 लाख पौधे वितरण कर रोपित करवाए। जाल के 12 लाख बीज राजस्थान के 8 रेगिस्तानी जिलों में वितरण कर रोपित करवाए। वृक्षारोपण में सीड बाॅल्स, वेस्ट प्लास्टिक बोतलों से बूंद-बूंद सिंचाई प्रबंधन के नए प्रयोग किए गए। बाइक पर 27 हजार किमी. पर्यावरण चेतना यात्रा निकालकर 1.20 लाख लोगों को अभियान से जोङा गया है।  500 से अधिक घायल वन्यजीवों को बचाने का कार्य किया गया। पक्षियों के पेयजल के लिए 20 हजार से अधिक परिंडे लगाए। 25 हजार मिट्टी के दीपक आमजन को वितरण कर दिवाली पर पटाखें नही फोङने की मुहीम चलाई। ओरण-गोचर, चारागाह, तालाब भूमि के संरक्षण और देशज पेङो को लगाने का अभियान चलाया जा रहा है।