साजिश के तहत कोरोना वैक्सीन लगाने के बहाने कर दी व्यक्ति की नसबंदी
साजिश के तहत कोरोना वैक्सीन लगाने के बहाने कर दी व्यक्ति की नसबंदी

साजिश के तहत कोरोना वैक्सीन लगाने के बहाने कर दी व्यक्ति की नसबंदी
उदयपुर
कोरोना वैक्सीन का झांसा देकर कर डाली युवक की 'नसबंदी', परिवार का इकलौता बेटा है पीड़ित
लेकसिटी उदयपुर में एक युवक की नसबंदी Sterilization का अजीब मामला सामने आया है. युवक ने आरोप लगाया कि उसे कोरोना टीका Corona vaccine लगवाने का झांसा देकर बुलाया गया था. बाद में उसकी जानकारी के बिना उसकी नसबंदी कर दी गई. इस युवक ने भूपालपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उसके बाद पुलिस जांच में जुट गई है. बताया जा रहा है कि यह युवक शादीशुदा है लेकिन निसंतान है. युवक ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में उसे इंजेक्शन लगाया था. उसके बाद क्या हुआ उसे कुछ भी पता नहीं है. होश में आने के बाद पता चला कि उसकी नसबंदी हो गई.
मामला उदयपुर शहर के भूपालपुरा थाना इलाके से जुड़ा है. पीड़ित युवक का नाम कैलाश गमेती है. भूपालपुरा थाने में दी गई रिपोर्ट में कैलाश ने बताया कि 29 दिसंबर की सुबह वह मजदूरी के लिए बेकनी पुलिया के पास खड़ा था. उसी दौरान नरेश रावत नाम का एक युवक उसके पास आया. उसने उसे रुपये 2000 का लालच देकर कोरोना का टीका लगवाने की बात कही.
दो हजार रुपये का लालच दिया, दिये 1100 रुपये ,दो हजार रुपये के लालच वह उसके साथ चला गया. कैलाश का आरोप है कि नरेश उसे स्कूटी पर पुल की ओर एक हॉस्पिटल में ले गया. वहां इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया गया. बाद में उसका नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया गया. उसके बाद नरेश ने कैलाश को उसकी बहन के घर छोड़ दिया और 1100 रुपये दे दिए.
कैलाश अपने परिवार में एक इकलौता बेटा है नसबंदी का ऑपरेशन होने के बाद युवक और उसके परिवार के सदस्य काफी परेशान हैं. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पीड़ित कैलाश अपने परिवार में एक इकलौता बेटा है. उसकी कोई संतान नहीं होने के चलते पीड़ित की मां भी काफी परेशान है. दूसरी और भूपालपुरा थाना पुलिस ने कैलाश गमेती की रिपोर्ट पर एससी-एसटी एक्ट में भी मामला दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
जांच के बाद ही सामने आ पायेगी सच्चाई कैलाश की आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगा. लेकिन नसबंदी के आंकड़े पूरे करने के लिये लोगों को झांसे देने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. वहीं नसंबदी के शिविरों में भी अनियमितता की कई शिकायतें आ चुकी हैं