वर्ष 2023 को यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित
वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित

भूपाल नोबल्स में मोटे अनाज पर संगोष्ठी ।
बीएन यूनिवर्सिटी में आज मोटे अनाज के ऊपर एक वेबीनार का आयोजन किया गया ज्ञातव्य है कि वर्ष 2023 को यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है इसकी पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय की तरफ से एक सेमिनार का आयोजन किया जिसमें समस्त भारत के विभिन्न प्रांतों के करीब 100 कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया । जिसमें बिहार से डॉ जितेंद्र सिंह जी, सीताराम सिंह जी प्रयागराज से डॉ आशुतोष शुक्ला, झारखंड रांचीसे डॉ किरण सिंह, जालौर से स्वाति राठौड़ और उदयपुर से डॉ जयश्री सिंह थे। डॉ किरण सिंह ने बताया कि मोटा अनाज ना सिर्फ भूख की समस्या दूर करता हैं वरन समुचित पोषण भी देता है। बहुत सी न्यूरो प्रॉब्लम होती है जिंक की कमी से और दूसरे माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी से जो मोटे अनाज से पूरी हो जाती है, यह एनर्जी फूड है और हर मौसम के अनुकूल होता हैं। हमें महिलाओ को शिक्षित कर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। सप्ताह में दो-तीन दिन मोटे अनाज को अपनी थाली में जोड़ें। मोटे अनाज का मिक्स आटा भी हम घर में काम में ले सकते हैं। डॉ जितेन्द्र सिंह जी ने बताया कि मिड-डे-मील में, आंगनवाड़ी में इसको अपनाया जाए और महिलाएं अगर जागरूक होगी तो वह अपने परिवार को मोटा अनाज खिला सकेगी। विभिन्न तरह के नए उत्पादन आ रहे हैं उन्हें भी मोटे अनाज से बनाए जैसे नूडल्स, पिज़्ज़ा आदि। डॉ कमल सिंह राठौड़ ने इसको संचालित किया। डॉ आशुतोष शुक्ला ने बताया कि जमोरा, जई, सांवा, कूटकी, गूंदली, रागी, मक्का अब विदेशी अपनाने लगे हैं तो फिर हिंदुस्तानी भी अपनाने लगे हैं। यजुर्वेद में भी मोटे अनाजों का वर्णन मिलता है। सीताराम सिंह जी ने बिहार के मोटे अनाज की स्थिति के बारे में बताएं और स्वाति राठौर ने अभी हाल ही अंतराष्ट्रीय स्काउट में मोटे अनाजों से संबंधित अपनी प्रस्तुति के बारे में बताया। डॉ मोहन सिंह जी कोठरी, डॉ पी के दास, डॉ ममता सिंह यदुवंशी, डॉ चित्रा सिंह, डॉ स्वप्निल भारती, डॉ सुरेंद्र सिंह पुरावत, रवि भूषण श्रीवास्तव, डॉ पूजा किशोर, डॉ प्रवीण कुमार, अमित रंजन, रंजन कुमार सिंह, आरती सिंह,मुशर्रफ खलील, अनिकेत कुमार, प्रवीन कुमार मिश्र इत्यादि ने अपने विचार रखे।अंत में डॉ जितेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्होंने अपनी पुस्तक मोटे अनाज और उनके महत्त्व पर प्रकाश डाला।बी एन प्रबंधन ने मोटे अनाजों पर वर्ष भर बहुत से आयोजन करने का आश्वासन दिया।