बी एन विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस मेडिटेशन संस्थान उदयपुर  केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में  विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए l

बी एन विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस मेडिटेशन संस्थान उदयपुर  केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में  विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए l

*योग दिवस पर भूपाल नोबल्स संस्थान में विविध आयोजन*
बी एन विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस मेडिटेशन संस्थान उदयपुर  केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में  विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए l बीएन स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एन सी सी केडेट सहित छात्र  - छात्राओं के लिए योग कार्यक्रम के साथ  ही हार्टफूलनेस मेडिटेशन का भी अभ्यास भी कराया गया l इसी प्रकार बीएन फार्मेसी कॉलेज और बीएन पब्लिक स्कूल में भी आयोजित हुए कार्यक्रम में कॉलेज के डीन प्रो युवराज सिंह और डॉ सीमा नरुका ने योग दिवस का महत्व बताया साथ ही मोबाइल स्क्रीन के नकारात्मक प्रभाव  को दूर करने के लिए योग के महत्व पर प्रकाश डाला इसी प्रकार  योगासन और प्राणायाम का महत्व बीएन विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ कमल सिंह राठौड़ ने  बताया और प्राचार्य डॉ सिद्धराज सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया तथा योग से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान की दोनों ही महाविद्यालयों में हार्टफुलनेस संस्थान के केंद्र  समन्वयक डॉ राकेश दशोरा ने ध्यान योग का अभ्यास कराया lइस अवसर पर  संस्थान की ओर से कपिल मीणा तथा विश्वविद्यालय की ओर से विज्ञान अधिष्ठात्री डॉ रेणु राठौड़, डॉ उम सिंह, डॉ सूर्यवीर सिंह सोलंकी, डॉ गजेन्द्र सिंह चौहान, डॉ हरिओम सिंह, डॉ शैलजा राणावत, डॉ राम सिंह सारंगदेवोत, मरुधर राठौड़ आदि गणमान्य उपस्थित रहे l विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर एन बी सिंह ने विश्व योग दिवस पर सबसे आव्हान किया कि इसे नियमित तौर पर जीवन का अंग बनाये और रजिस्ट्रार परबत सिंह राठौड़ ने महीने में  सभी विद्यार्थियों और स्टाफ के लिए बीएन परिसर में योग और मेडिटेशन के लिए क्लास की जरूरत पर बल दिया और इसे लागू करने की बात कही। बीएन पब्लिक स्कूल प्राचार्या डॉ सीमा नरुका न बताया कि श्रीमती राजकुमारी शर्मा और श्री महिपाल सिंह झाला ने विद्यार्थियों को योग का महत्व बताते हुए कहा कि
योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सरल माध्यम है। इसकी मदद से न सिर्फ स्वास्थ्य तन बल्कि शांत मन को भी पाया जा सकता है ।योग की मदद से पूरी दुनिया में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।”
विद्यार्थीयो द्वारा विभिन्न योगाभ्यास किये गए।