गरीबों को न्याय कहां सरकार की हर चौखट पर दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद 10 माह गुजर गए फिर भी लक्ष्मण के कातिल पुलिस की गिरफ्त से दूर  

गरीबों को न्याय कहां सरकार की हर चौखट पर दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद 10 माह गुजर गए फिर भी लक्ष्मण के कातिल पुलिस की गिरफ्त से दूर  

गरीबों को न्याय कहां सरकार की हर चौखट पर दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद 10 माह गुजर गए फिर भी लक्ष्मण के कातिल पुलिस की गिरफ्त से दूर  

गरीबों को न्याय कहां सरकार की हर चौखट पर दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद 10 माह गुजर गए फिर भी लक्ष्मण के कातिल पुलिस की गिरफ्त से दूर  

जालोर

जालौर - जिले के भाद्राजून थाना क्षेत्र के शंखवली गांव में करीब 10 माह पूर्व एक छठी कक्षा के छात्र लक्ष्मण मीणा पुत्र कालूराम मीणा को अज्ञात हत्यारों ने मार कर गांव के तालाब के पास शव को फेंक दिया था , पुलिस द्वारा केस में ढीला रवैया इस्तेमाल करने व केस को ठंडे बस्ते में छोड़कर आज करीब 10 माह गुजर गए हैं फिर भी गांव में छिपे हत्यारों को  ढूंढ नहीं पाई है जिससे माता-पिता  का रो रो कर बुरा हाल है मृतक के पिता कालूराम मीणा का आरोप है कि पुलिस द्वारा रसूल खोरी और राजनीति हस्तक्षेप के कारण हत्यारों तक नहीं पहुंच पा रही है परिवार वालों द्वारा संदिग्धों के नाम देने के बावजूद पुलिस द्वारा उनसे कोई खास पूछताछ नहीं की गई और गहनता से जांच नहीं की गई जिससे उसके बेटे के हत्यारे कानून की गिरफ्त से दूर है मृतक के पिता कालूराम मीणा के अनुसार उसका बेटा लक्ष्मण  दिनांक 11 फरवरी 2021 को घर से स्कूल का कहकर निकला था जो कि आज तक घर पर नहीं लौटा है परिवार वालों द्वारा गांव के ही एक व्यक्ति पर हत्या का संदेह है जो हत्या के करीब 1 दिन पहले बेटे का वाद लेकर व  बेटे पर  मोबाइल चोरी का आरोप लगाया था और उसके करीब 1 दिन बाद बेटा घर पर नहीं लौटा सीधी उसकी लाश  ही लौटी अतः परिवार वालों को पुलिस पर रिश्वतखोरी और मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है और आरोपियों को कानून से बचाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है ज्ञात रहे कि समाज बंधुओं और लक्ष्मण के परिवार वालों द्वारा मृतक लक्ष्मण की लाश लेकर धरने पर बैठे थे मगर प्रशासन के आश्वासन के बाद और उचित न्याय के आश्वासन के बाद लाश उठाई थी इस मुद्दे पर आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित द्वारा विधानसभा मैं भी यह मुद्दा उठाया था मगर नतीजा शून्य रहा अतः परिवार वालों ने प्रशासन से एक बार फिर न्याय की  गुहार लगाई है उसके लाड़ले को न्याय मिले हैं और दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई हो जिससे किसी मां का बेटा किसी बहन का भाई और किसी बुजुर्ग बाप की लाठी उसका बेटा उससे दूर ना हो उधर लक्ष्मण की दादी का रो रो कर बुरा हाल है लक्ष्मण की दादी का कहना है कि वह मरने से पहले अपने पोते के हत्यारों को जेल की सलाखों के अंदर देखना चाहती है इधर उसके माता-पिता के भी आंखों से आंसू छलक रहे हैं अदा पुलिस को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए और कोई ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे हत्यारे कानून की गिरफ्त में हो