विद्यापीठ - बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट कहलायेगी अब एग्जीक्युटिव कौंसिल एग्जीक्युटिव कौंसिल, एकेडमिक कौन्सिल, वित्त समिति की बैठक सम्पन्न 60 करोड़ का वार्षिक बजट पारित

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को दी जायेगी डी. लिट की उपाधि सत्र 2025-26 से नवीन पाठ्यक्रम संचालित करने का लिया निर्णय

विद्यापीठ - बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट कहलायेगी अब एग्जीक्युटिव कौंसिल एग्जीक्युटिव कौंसिल, एकेडमिक कौन्सिल, वित्त समिति की बैठक सम्पन्न 60 करोड़ का वार्षिक बजट पारित

उदयपुर 09 अप्रेल / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की एग्जीक्युटिव कौंसिल, वित्त समिति एवं एकेडमिक कौन्सिल की बैठक बुधवार  को प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि बैठक वर्ष 2025-26 का 60 करोड़ का वार्षिक बजट एवं पेरामेडिकल के नवीन पाठ्यक्रमों को संचालित करने की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि आने वाला समय चुनौतियों से भरा है एआई का समय आने वाला है।

हमें इन सभी चुनौतियों का सामना करना है। प्रत्येक संकाय सदस्य से स्वयं पोर्टल से पांच पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि बॉम अब एग्जीक्युटिव कौंसिल कहलायेगी। 


कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि 1987 में डीम्ड विश्वविद्यालय बनने के समय युजीसी ने पांच कोर्स को मान्यता दी गई थी लेकिन आज संस्थान 150 से अधिक कोर्स युजीसी से मान्यता प्राप्त कर संचालित कर रहा है। यह सब संस्था के निष्ठावान एवं समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत संभव है। 


 11 अप्रेल को विश्वविद्यालय का 20वां दीक्षांत समारेाह आयोजित किया जायेगा जिसमें केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को  डी.लिट की उपाधि से नवाजा जायेगा। 


बैठक में संस्थान द्वारा छात्रों के शैक्षणिक एवं फैकल्टीज के अकादमिक विकास के लिए देश, विदेश की विभिन्न संस्थान व विश्वविद्यालयों से किये गये एमओयू को स्वीकृति दी गई। 

इन पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने की मिली स्वीकृति:-

प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि बैठक में नयी शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के साथ ही, नयी शिक्षा नीति के अनुसार सत्र 2025-26 में नवीन पाठ्यक्रमों को संचालित करने व नवीन प्रोफेशनल कोर्स को शुरू करने की स्वीकृति दी गई जिसमें दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय एमएससी नर्सिंग, पाच वर्षीय नर्सिंग प्रेक्टिस, पेरामेडिकल कोर्सेस, आरसीआई से बेचलर ऑफ ओक्युपेशनल थेरेपी, पीएचडी को शुरू करने की स्वीकृति दी गई।

इंडियन नॉलेज सिस्टम पर कार्य शुरू करने एवं विश्वविद्यालय में आईकेएस सेंटर बनाने की घोषणा की गई। आमजन को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सजग रहने के उद्देश्य से जागरूकता शिविर व अन्य माध्यमों से जागरूक करने का निर्णय लिया गया।  

बैठक में दिल्ली विधानभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री, कोटा खुला विवि के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी, सीए कमलेश आचार्य ऑन लाईन जुडे। इसके अलावा रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली , पीजीडीन प्रो. जीएम मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, प्रो. रश्मि बोहरा,  प्रो. मलय पानेरी, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. युवराज सिंह, प्रो. मंजु मांडोत, डॉ. लीली जैन, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, भगवती लाल श्रीमाली उपस्थित थे। 

कृष्णकांत कुमावत 
निजी सचिव