किसी भी हाल में राजनीति में भ्रष्ट नेता बर्दाश्त नहींः डॉ. राजेश्वर सिंह

कल से पहले चरण के मतदान के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी जंग का आगाज़ होगा। कई महीनों के प्रचार और जनता के दिलों में स्थान बनाने की कोशिशें अब पूरी होने को हैं। कल से शुरू होने वाले चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक और भाजपा नेता डॉ. राजेश्वर सिंह ने विपरीत पार्टियों के काले चिट्ठे खोल दिए हैं और भ्रष्ट नेताओं को दमदार फटकार लगाई है। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए भाजपा नेता डॉ. सिंह ने स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऍप के माध्यम से कहा है, "सेवा में रहते हुए सभी भ्रष्ट नेताओं को जेल में भेजने का काम किया, आज वो सभी माफिया जेल में हैं, उनकी संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं। अब मेरा लक्ष्य है कि इस तरह के अपराधी एवं भ्रष्ट लोग राजनीति में ना रहें।"
इस पोस्ट के साथ राजेश्वर ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें एक सभा में उन्होंने कहा है: “जो भी भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी, राजनितिक लोगों के कारण प्रदेश का विकास नहीं हो पा रहा था, जिन लोगों ने गरीबों का पैसा खाया था, उन्हें जेल भेजने का अवसर मुझे मिला। इसके अंतर्गत आज कई मंत्री जेल में हैं और मेरा लक्ष्य भी यही है कि इस तरह के मंत्री और लोग खुले नहीं घूमने चाहिए, और राजनीति में तो कतई नहीं रहना चाहिए। राजनीति में माननीय सुखलाल जी, कौशल किशोर जी और राजेश भाई जैसे नेता, जो जनता के लिए हर क्षण उपलब्ध रहते हैं, ऐसे लोगों को राजनीति में रहना चाहिए। न कि जो जेल से सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं और जिनके ऊपर 50-50 मुकदमे हैं, ऐसे लोग पिछली सरकारों के मंत्री हुआ करते थे। ये लोग राजनीति में होने ही नहीं चाहिए।” एक अन्य पोस्ट में राजेश्वर ने कहा है: "मेरी नौकरी 12 वर्ष की बची थी, फिर मैंने ठाना मुझे युवाओं के लिए कुछ करना है, युवाओं के चेहरे पर मुस्कान लानी है। उनके कौशल का विकास करना है। ऊर्जावान युवा कुछ करने का जज़्बा रखता है, उनकी हर संभव मदद के लिए मैं हमेशा उपलब्ध रहूँगा।”
हाल ही में जुड़े भाजपा से प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह बीते दिनों स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए। अभी उनकी नौकरी में 11 साल बाकी थे। हालांकि भाजपा में शामिल होने के साथ ही पार्टी ने उन्हें लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर स्वाति सिंह वर्तमान विधायक हैं। राजेश्वर सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट होने के साथ ही अपने आईपीएस, आईएएस खानदान के लिए काफी चर्चा में रहते हैं। पिता पूर्व डीआईजी तो भाई कमिश्नर राजेश्वर सिंह के परिवार को अफसरों वाले परिवार के रूप में पहचाना जाता है। जहाँ उनके पिता रणबहादुर सिंह राष्ट्रपति का वीरता पदक पाने वाले रिटायर्ड डीआईजी रहे, वहीं उनके बड़े भाई रामेश्वर सिंह मुख्य आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। उनकी बड़ी बहन आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस की डायरेक्टर थीं। उन्होंने पूर्व सेवानिवृत्ति ले ली और अब मुंबई हाईकोर्ट में वकील हैं। ईडी में कई चर्चित मामलों की जांच में शामिल 2007 में राजेश्वर सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ईडी में गए। ईडी में जाने के बाद ईडी कैडर में ही समाहित होने की उनकी कानूनी लड़ाई के साथ कई विवाद जुड़ गए। देश के अहम घोटालों और मामलों की जांच संभालने के चलते वह पूरे देश की नजर में आ गए। दिल्ली मुख्यालय में रहने के दौरान उन्होंने 2जी घोटाला, जगन रेड्डी केस, कोलगेट केस, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील केस, ओपी चौटाला जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की। वर्ष 2009 में झारखंड के तत्कालीन सीएम समेत आठ मंत्रियों को चार हजार करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया। बड़ी-बड़ी जांचों के साथ बड़े-बड़े विवाद भी उनसे जुड़े। उनके खिलाफ कई बार सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की गई।