साइबर ठगी फ्रॉड से आत्महत्या किये नाबालिग के आरोपियों की चार माह से गिरफ्तारी नही होने से

साइबर ठगी फ्रॉड से आत्महत्या किये नाबालिग के आरोपियों की चार माह से गिरफ्तारी नही होने से क्षुब्ध विभिन्न संगठनो के तत्वाधान में 150 से अधिक लोगो ने दिया

साइबर ठगी फ्रॉड से आत्महत्या किये नाबालिग के आरोपियों की चार माह से  गिरफ्तारी नही होने से
साइबर ठगी फ्रॉड से आत्महत्या किये नाबालिग के आरोपियों की चार माह से गिरफ्तारी नही होने से

उदयपुर :- दिनेश कुमार कलाल 
                                       दिनांक- 22.12.2022

                   साइबर ठगी फ्रॉड से आत्महत्या किये नाबालिग के आरोपियों की चार माह से  गिरफ्तारी नही होने से क्षुब्ध विभिन्न संगठनो के तत्वाधान में 150 से अधिक लोगो  ने दिया प्रशासन को ज्ञापन, अनुसंधान अधिकारी बदल स्पेशियल टीम बना पुलिस उच्चाधिकारी से जांच की मांग, ताकि फिर से न मारा जाए फिर कोई नाबालिग

साइबर ठगी से त्रस्त होकर प्रतापनगर पुलिस थाना अंतर्गत नाबालिग बालक युवराज सिंह 14 वर्षीय के आत्महत्या के 4 माह बीत जाने के पश्चात भी पुलिस द्वारा अनुसंधान कार्यवाही शून्य होने एवं इसे सामान्य मृत्यु बताये जाने को लेकर मृतक युवराज सिंह के पिता प्रहलाद सिंह शक्तावत के साथ उदयपुर के विभिन्न समाज सेवी संगठनो मेवाड़ बजरंग सेना, करणी सेना मेवाड़, क्षत्रिय राजपूत महासभा संस्थान, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा, तैलीय साहू समाज आदि

के प्रमुख एवं अन्य चन्द्रवीर सिंह करेलिया, रणविजय सिंह, कमलेन्द्र सिंह पंवार, लोकराज सिंह, चन्द्र प्रकाश झाला, भगवत सिंह, सुरेन्द्र सिंह खिंची, हितेंद्र सिंह राठौड़, दलपत सिंह, सुनील कालरा, रमेश वसीटा, संत सिंह भाटी, हेमेन्द्र सिंह आकोलागढ़, सी.पी.सिंह झाला, प्रवीण मालवीय, कैलाश साहू, एडवोकेट नरेन्द्र जोशी, एडवोकेट अशोक डांगी द्वारा जिला प्रशासन को 150 से अधिक लोगो द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन देते हुए

अनुसंधान अधिकारी बदल स्पेशियल टीम गठित कर पुलिस उच्चाधिकारी से त्वरित जांच करवाए जाने एवं आवश्यक धाराओं का इजाफा किये जाने की मांग की, पीड़ित पिता प्रहलाद सिंह शक्तावत को न्याय दिलाने के लिए एडवोकेट नरेन्द्र जोशी ने उदयपुर की जनता एवं सामाजिक संगठनो से गुहार लगाईं

जिस पर 150 से अधिक लोग एवं विभिन्न समाज एवं संगठन के पदाधिकारी जिला प्रशासन एकत्र हुए, पीड़ित पिता प्रहलाद सिंह की ओर से एडवोकेट नरेन्द्र जोशी ने मीडिया को बताया की प्रहलाद सिंह शक्तावत के 14 वर्षीय पुत्र युवराज सिंह से दिशा नाम की लड़की ने इन्स्टाग्राम, व्हाट्सअप के माध्यम से बरगला क्रमश: 3000/- एवं 5000/- कुलिया 8000/- रुपया मात्र की धोखाधड़ी कर राशि अपने (खाता धारक का नाम मोहम्मद मुस्तफा) भारतीय स्टेट बैंक जरिये पेटीम ट्रांसफर करवा दिए

बालक द्वारा बार बार राशि की पुन: मांग की गई किन्तु आरोपियों द्वारा राशि नहीं लौटाई गई, बालक द्वारा यहाँ तक की वोईस क्लिप भेजी गई की “प्लीज मेम मेरा पैसा लौटा दो नही तो मै मर जाउंगा” किन्तु आरोपियों द्वारा राशि नही लौटाई गई और अंतत: बालक द्वारा मानसिक तनाव में आत्महत्या कर ली, वक्त पोस्टमार्टम जब पीड़ित प्रार्थी द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने की बात कही गई

तो मौजूद पुलिसकर्मी श्री लालसिंह द्वारा इसे बहुत हल्के में ले कहा गया की यह कोई साइबर ठगी से हुई मौत नही है, यह सामान्य मृत्यु है, तुम कागज पर लिख कर दे दो की तुम कोई कार्यवाही नही करना चाहते हो जब उक्त मामले में वहा मौजूद डॉ मनीष शर्मा द्वारा स्पष्ट कहा की मृतक के फोन में व्हाट्सअप चेट, ट्रांजेक्शन डिटेल, वोईस चेट मौजूद है

और स्पष्ट है की बच्चा साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ है तब जाकर पुलिस थाना प्रतापनगर में एफआईआर दर्ज हुई, विगत चार माह से पीड़ित प्रार्थी पुलिस थाना प्रतापनगर के चक्कर काट रहा है लेकिन अनुसंधान अधिकारी द्वारा कोई उचित कार्यवाही नही की जा रही है

और न ही कोई संतोषप्रद प्रत्युत्तर दिया जा रहा है और न ही पुलिस थाना प्रतापनगर द्वारा उक्त एफआईआर में अन्य उचित धाराओं का समावेश किया है जबकि आरोपियों का उक्त कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के साथ 420, 419, 406, 416, 463, आई टी एक्ट की धारा 66 डी के तहत भी दंडनीय अपराध है I

चार माह बीत जाने के पश्चात भी उक्त प्रकरण में पुलिस थाना प्रतापनगर द्वारा कोई भी कार्यवाही नही किया जाना अनुसंधान शैली पर सवाल उत्पन्न कर रहा है और पीड़ित पिता को अब अनुसंधान अधिकारी पर कतई विश्वास नही रहा है की उन्हें उक्त प्रकरण में न्याय प्राप्त हो पायेगा I आखिर सोचने पर विवश होना पडेगा की आरोपियों द्वारा मृतक बालक को किस कदर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया होगा की उसे आत्महत्या जेसा कदम उठाने हेतु

विवश होना पडा, फिर कोई ओर बालक फिर कोई और युवराज सिंह इन साईबर ठगों के चंगुल में फंस आत्महत्या नही कर ले I पीड़ित प्रार्थी एवं मौजूद जन समूह एवं संगठन के विभिन्न पदाधिकारियो ने निवेदन किया की पीड़ित पिता तो अपनी औलाद खो चुका किन्तु फिर उदयपुर में इस तरह की वारदात कारित न हो इस हेतु आवश्यक है

की उक्त प्रकरण की जांच हेतु स्पेशियल टीम गठित की जाकर अनुसंधान अधिकारी बदला जाकर पुलिस उच्चाधिकारी से उक्त प्रकरण की जांच करवा पीड़ित पिता को न्याय प्रदान करावे और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलावे I

            स्थान- उदयपुर

           दिनांक-22.12.2022