उदयपुर में बांध सुरक्षा, पुनर्वास एवं बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 पर राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

झीलों की नगरी में ‘जल मंथन‘
उदयपुर में बांध सुरक्षा, पुनर्वास एवं बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 पर राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन
राज्य में बांधों के विकास को गति देने पर विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में रखी अपनी बात
उदयपुर, 17 फरवरी। ‘बांध सुरक्षा, पुनर्वास एवं बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 पर राज्य स्तरीय सम्मेलन‘ सोमवार को शहर के अनन्ता रिसोर्ट में आयोजित हुआ। सम्मेलन के दौरान दिनभर आयोजित हुए चार अलग-अलग सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने राज्य में बांधों के विकास को गति देने के संबंध में तकनीकी बिंदुओं पर विस्तार से अपनी बात रखी। 


प्रथम सत्र में श्री रवि सोलंकी, मुख्य अभियंता, एसडब्लूआरपीडी और नोडल अधिकारी, डीएसओ और डीआरआईपी ने ‘‘बांध सुरक्षा और प्रबंधन पर राजस्थान सरकार का दृष्टिकोण‘‘ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। द्वितीय सत्र में बांध सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन में चुनौतियां तथा डीआरआईपी द्वारा निभाई गई भूमिका विषय पर श्री राकेश कश्यप, मुख्य अभियंता, डीएसओ, सीडब्ल्यूसी तथा परियोजना निदेशक, सीपीएमयू डीआरआईपी द्वारा मार्गदर्शन किया गया।

तीसरे सत्र में बांध पुनर्वास पर सर्वाेत्तम प्रैक्टिस केस अध्ययन के तहत डीआरआईपी योजनांतर्गत बीसलपुर बांध के कार्यकारी अभियंता श्री मनीष बंसल द्वारा बांध सुरक्षा प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाएं एवं माही बाँध परियोजना के अधिशासी अभियंता श्री प्रकाश चंद्र रैंगर द्वारा डीआरआईपी के तहत माही बांध पर बांध पुनर्वास कार्य के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। चौथे सत्र में संभावित खतरों के संदर्भ में एनडीएसए की युवा पेशेवर वसुंधरा शर्मा ने अपने विचार रखे।


इस दौरान देश में बांधों के जीवन काल, राज्यवार डैम फैलियर तथा बड़ी घटनाओं का आकलन, बांधों की सुरक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों यथा डैम सेफ्टी आर्गेनाइजेशन, डैम सेफ्टी एक्ट इत्यादि, बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आवश्यकताएं, डैम सेफ्टी एक्ट 2021, डीआरआईपी (डैम रीहैबिलिटेशन एवं इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट) के द्वितीय एवं तृतीय चरण के प्रावधानों एवं कार्ययोजना, बांधों के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।