चक्का जाम हुआ तो कलेक्टर पहुंची धरने पर,समझौता वार्ता में विधायक का धरना किया समाप्त

चक्का जाम हुआ तो कलेक्टर पहुंची धरने पर,समझौता वार्ता में विधायक का धरना किया समाप्त

जालोर

चक्का जाम हुआ तो कलेक्टर पहुंची धरने पर,समझौता वार्ता में विधायक का धरना किया समाप्त

सांकरणा टोल : आहोर विधायक का धरना समाप्त, रोड नहीं बनेगी तब तक सांकेतिक धरना जारी रहेगा और टोल वसूली रहेगी बंद

सांकरणा टोल पर आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पिछले 22 दिन से चल रहे धरना प्रदर्शन के तहत शुक्रवार को चक्का जाम प्रदर्शन हुआ। इस दौरान मौके पर पहुंची जिला कलेक्टर नमृता वृष्णि और प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई। जिसके बाद आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित के धरना समाप्ति पर सहमति बन गई। अब सांकेतिक रूप से धरना जारी रहेगा और पेचवर्क के लिए तीन टीमें लगेगी। रोड नवीनीकरण नहीं होने तक टोल वसूली नहीं की जाएगी। प्रशासन ने सौ दिन में पूरी नई रोड करने का वादा किया है। इन शर्तों पर आहोर विधायक ने धरना समाप्त किया। नहीं तो 28 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट का करेंगे घेराव समझौता वार्ता के अनुसार दो दिन में पेचवर्क का कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो भाजपा आगामी 28 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करते हुए कलेक्ट्रेट का घेराव करेगी। आपको बता दे कि शुक्रवार को धरनार्थियों द्वारा चक्का जाम की घोषणा के बाद प्रशासन हरकत में आया और विधायक समेत प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के लिए तैयार हुए। इससे पूर्व प्रशासन और धरनार्थियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई नजीता नहीं निकला। इसी बीच मंच से घोषणा की गई कि दो बजे तक कलक्टर व एसपी धरने पर आकर कोई ठोस आश्वासन नहीं देंगे तो हम उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। जिसके चलते करीब तीन बजे के बाद जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि व एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला धरना स्थल पर पहुंचे और बंद कमरे में वार्ता शुरू की। करीब पौने घंटे चली वार्ता के बाद भाजपा प्रतिनिधि मंडल बाहर आया और धरना स्थल पर मौजूद लोगों के सामने हुई वार्ता की बात रखी। जिसके बाद सभी की सहमति से धरना समाप्त करने की बात कही गई। प्रतिनिधि मंडल में भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव, विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल, विधायक जोगेश्वर गर्ग, भाजपा जिला प्रभारी महेन्द्र बोहरा, किसान संघ जिलाध्यक्ष धुकाराम पुरोहित, ईश्वरसिंह थुम्बा, महिपालसिंह चारण मौजूद रहे। इधर, चक्का जाम को लेकर पुलिस व प्रशासन सख्त नजर आया और पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात रहा।
कानीवाड़ा रोड से आहोर की ओर निकले वाहन रोड नहीं तो टोल नहीं की मांग को लेकर 22 अक्टूबर को चक्का जाम की घोषणा के बाद सुबह काफी तादाद में लोगों का आना शुरू हो गया। इसके बाद धरनार्थियों ने सड़क पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद हालांकि प्रशासन ने वाहनों को डायवर्ट करते हुए कानीवाड़ा से सीधे आहोर की ओर कर लिया। ऐसे में कए बार प्रदर्शनकारियों की ओर से कानीवाड़ा मोड़ पर धरना देने की बात कही, लेकिन विधायकों द्वारा समझाइश करते हुए ऐसा नहीं करने की बात कही। कई लोगों ने पुलिस के खिलाफ आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू की कि पुलिस द्वारा धरने में शामिल होने आ रहे लोगों को रोका जा रहा है।
वार्ता में इन मुद्दों पर बनी सहमति8 से 12 नवम्बर तक सड़क का डामरीकरण शुरू करेंगे। दो दिन में पेचवर्क व सीसी रोड का कार्य शुरू होगा। जिसमें तीन टीमें लगेगी। दो पेवर मशीनन लगेगी। वहीं 100 दिन में रोहिट से जालोर तक नई सड़क बन सकेगी। वहीं सड़क की क्वालीटी एग्रीमेंट के तहत बनानी होगी रोड का कार्य शुरू होने के बाद टोल शुरू होगा।सांकेतिक धरना जारी रहेगाइस सभी शर्तों पर खरा नहीं उतरने पर 28 अक्टूबर को विशाल धरना दिया जाएगा। जिसके तहत कलेक्ट्रेट का भी घेराव किया जाएगा।
इन्होंने कहा...वार्ता के बाद रानीवाड़ा विधायक नारायाणसिंह देवल ने कहा कि हमने प्रशासन के साथ वार्ता की है  जिसमें दो दिन से पेचवर्क और सीसी सड़क का कार्य शुरू करना है। देवल ने कहा कि सांकेतिक धरना जारी रहेगा ताकि टोल कंपनी टोल नहीं ले और पुलिस की व्यवस्था भी रहेगी ताकि टोल कंपनी के लोग किसी प्रकार की ज्यादती नहीं कर सकेंगे।भाजपा जिलाध्यक्ष श्रणवसिंह राव ने कहा कि जब तक रोड का कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो हम टेंट खाली नहीं करेेगे ये हमारी पहले से ही शर्त थी। कलक्टर और एसपी यहां आने को तैयार नहीं थे, आप कार्यकर्ताओं के जोश की वजह से उन्हें यहा आना पड़ा और बातें माननी पड़ी। वहीं आगामी 28 अक्टूबर को बिजली की समस्या को लेकर धरने में शामिल होने की बात कही। राव ने कहा कि सत्ता पक्ष के साथ हमारी विपक्ष की जिम्मेदारी है कि आमजन की समस्या के लिए संघर्ष करें।धरना समाप्त की घोषणा के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि प्रशासन यह चाहता था कि हमारे धरने को कमजोर किया जाए तथा हमारा प्रदर्शन जैसे तैसे कर नहीं हो। उन्होंने धरने में साथ देने वालो का आभार जताया। राजपुरोहित ने कहा कि मैने प्रशासन व प्रभारी मंत्री को पूर्व में भी अवगत कराया था कि समय रहते इस रोड की सुध लो नहीं तो हमें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में लिया।
जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कि हमने कई बार प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन प्रशासन का रूख गंभीर नहीं होने से हमें धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि भागली से जसवंतपुरा पर हमने सडक बननी शुरू होने पर धरना समाप्त किया, लेकिन इस तरफ टोल कंपनी कार्य शुरू करने को राजी नहीं। उन्होंने विधायक छगनसिंह के बारे में कहा कि पहले ये केवल एमएलए थे, अब जिले के नेता बन गए है।