युवा संसद में मेवाड़ के शेर की दहाड़: अक्षयराज तिवारी ने संविधान और विकास पर रखी बुलंद आवाज!

युवा संसद में मेवाड़ के शेर की दहाड़: अक्षयराज तिवारी ने संविधान और विकास पर रखी बुलंद आवाज!

राजस्थान विधानसभा - युवा संसद में गूंज उठी मेवाड़ के शेर की दहाड़: अक्षयराज तिवारी ने रखी संविधान और विकास पर बुलंद आवाज!

राजस्थान विधानसभा में 26 मार्च 2025 को आयोजित युवा संसद में मेवाड़ के युवा प्रतिनिधि अक्षयराज तिवारी ने अपने जोशीले भाषण से पूरे सदन को झकझोर दिया। तिवारी ने अपने संबोधन की शुरुआत विनम्र प्रणाम के साथ करते हुए संविधान की 75 वर्षों की यात्रा को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को भारत की आत्मा बताते हुए समावेशी विकास, भ्रष्टाचार उन्मूलन, और परिवारवाद के अंत पर जोर दिया। तिवारी ने कहा—"संविधान को राजनीतिक हथियार मत बनाइए, इसे भारत के विकास का आधार बनाइए!"

मुख्य बिंदु जो उन्होंने उठाए:

✅ संविधान का सम्मान: तिवारी ने कहा कि भारत का संविधान न्याय, समानता और स्वतंत्रता का प्रतीक है, जिसे राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए।
✅ आरक्षण पर निष्पक्षता: उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण केवल योग्य लोगों को मिलना चाहिए, धर्म के आधार पर इसका विभाजन नहीं होना चाहिए।
✅ परिवारवाद का विरोध: उन्होंने राजनीति में वंशवाद खत्म करने की अपील की, जिससे योग्य और मेहनती युवाओं को आगे आने का मौका मिले।
✅ विकसित भारत का लक्ष्य: उन्होंने "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत को दुनिया में एक मिसाल बनना चाहिए।

उनका ओजस्वी वक्तव्य मेवाड़ की वीरता और बौद्धिकता का प्रतीक था। जैसे ही उन्होंने अपने विचार रखे, सदन में तालियों की गूंज सुनाई दी, और कई युवा प्रतिनिधियों ने उनके विचारों का समर्थन किया।

युवा संसद में यह भाषण एक ऐतिहासिक संदेश छोड़ गया – एक ऐसा भारत, जहां संविधान की गरिमा बनी रहे और हर नागरिक अपने कर्तव्यों और अधिकारों को समझते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दे!