जीवन में शान्ति पाने के लिए कभी ना छोड़े भारतीय संस्कृति: स्वामी अमोघ लीला

बी एन यूनिवर्सिटी के कुंभा सभागार में आध्यात्मिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दौरान इस्कॉन के प्रसिद्ध युवा स्वामी अमोघ लीला प्रभु जी ने वैदिक और पश्चिमी संस्कृति पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के समक्ष अपना संबोधन रखा।

जीवन में शान्ति पाने के लिए कभी ना छोड़े भारतीय संस्कृति: स्वामी अमोघ लीला
जीवन में शान्ति पाने के लिए कभी ना छोड़े भारतीय संस्कृति: स्वामी अमोघ लीला

उदयपुर: B.N यूनिवर्सिटी के कुंभा सभागार में आध्यात्मिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दौरान इस्कॉन के प्रसिद्ध युवा स्वामी अमोघ लीला प्रभु जी ने वैदिक और पश्चिमी संस्कृति पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के समक्ष अपना संबोधन रखा।

उन्होंने कहा कि जो हमारी संस्कृति पश्चिमी संस्कृति से अच्छी है, लेकिन हमारे कई लोग पश्चिमी की सभ्यता की नकल करने के कारण आज ना भारतीय संस्कृति को अपना पा रहे हैं, और ना हीं पश्चिम संस्कृति की। जिस कारण उनमें तनाव, व्यग्रता, अवसाद जैसे बहुत से रोग पनपते जा रहे हैं।

पहले भारत में घरेलू हिंसा बहुत कम होती थी या बिल्कुल नहीं के बराबर थी, लेकिन आज वह 14 गुना बढ़ चुकी है, क्योंकि पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण उन्हें इस दिशा की ओर ले जा रहा है। अपने व्याख्यान के दौरान अमोघ लीला प्रभु ने विद्यार्थियों  के कई प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ कमल सिंह राठौड़ ने किया।

 फिर विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर एन बी सिंह ने कहा कि आज के दौर में भारतीय संस्कृति को पुनः अपनी जिंदगी में अपनाने की आवश्यकता है जिससे हम समाज राष्ट्र इन को सुचारू रूप से प्रगति की ओर ले जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार परबत सिंह जी राठौड़ फार्मेसी के प्राचार्य सिद्धराज सिंह जी सिसोदिया, कॉमर्स डीन डॉ आर एस शक्तावत, डॉ ऋतू तोमर, डॉ संगीता राठौड़, डॉ रजनी अरोड़ा समेत करीब 400 विद्यार्थी उपस्थित थे।

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कार्यक्रम के अंत में  बी एन संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रदीप कुमार सिंह जी, सचिव डॉ महेंद्र सिंह जी आगरिया  और प्रबंध निदेशक श्री मोहब्बत सिंह जी ने समस्त विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति को अपनाने पर जोर दिया।