कोरोना ने डाला बच्चों के स्वास्थ्य पर असर,सिर्फ 10% को ऑनलाइन स्टडी पसंद, बाकी के लिए स्मार्टफोन मतलब गेमिंग और चैटिंग
कोरोना ने डाला बच्चों के स्वास्थ्य पर असर,सिर्फ 10% को ऑनलाइन स्टडी पसंद, बाकी के लिए स्मार्टफोन मतलब गेमिंग और चैटिंग
कोरोना ने डाला बच्चों के स्वास्थ्य पर असर,सिर्फ 10% को ऑनलाइन स्टडी पसंद, बाकी के लिए स्मार्टफोन मतलब गेमिंग और चैटिंग
कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) ने वैसे तो आम आदमी की जिंदगी पर असर डाला है,लगभग दो साल से अधिक समय से बच्चे घर बैठकर ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं।इससे बच्चे कुछ ज्यादा ही प्रभावित हुए हैं,क्योंकि उनकी पढ़ाई ,खेल-कूद और दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है|पैनडेमिक के कारण 23 मार्च को स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद किए गए थे, लेकिन पढ़ाई जारी रखने के लिए प्राईवेट स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया था|पढ़ाई के बीच ब्रेक में बच्चे गेम या सोशल मीडिया चलाना शुरु कर देते हैं।दिन पर दिन उनका ये एडिक्शन बढ़ता ही जा रहा है,साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर भी दिख रहा है|लगातार मोबाइल पर पढ़ाई करने से आंखों में दर्द, चिड़चिड़ापन, मानसिक तनाव, और कई तरह की बीमारियां हो रही हैं।नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने एक स्टडी में खुलासा किया कि 59.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन (व्हाट्सएप/फेसबुक/इंस्टाग्राम/स्नैपचैट का इस्तेमाल) के लिए करते हैं,जिसमें केवल 10.1 फीसदी बच्चे ऑनलाइन स्टडी के लिए लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
मनोचिकित्सक क्या कहती हैं
मनोचिकित्सक बिंदा सिंह के अनुसार ऑनलाइन स्टडी में बच्चे पुरे तरह से मोबाइल, स्मार्ट फोन, डेस्कटॉप, आईपैड से जुड़े हैं। घंटों मोबाइल स्क्रीन सेजुड़े रहने के कारण वो फोन पर ही ज्यादा डिपेंड हो गए हैं। इससे बच्चे बड़ी संख्या में ऑनलाइन स्टडी के साथ गेम और अन्य साइटों से जुड़ गए हैं।
क्या करें अभिभावक
- ऑनलाइन स्टडी के साथ किताबें भी पढ़ाएं।
- ऑनलाइन स्टडी को लेकर एक शेड्यूल बनाएं।
- आउटडोर गेम्स खेलें।