नैनों में नीर आ गया नीर रा इंतजार करता करता

नैनों में नीर आ गया नीर रा इंतजार करता करता

नैनों में नीर आ गया नीर रा इंतजार करता करता

भीनमाल

नैनों में नीर आ गया नीर रा इंतजार करता करता

विगत डेढ़ माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद प्रशासन या राजनीतिक पार्टियों चाहे विपक्ष हो या सता रही हो आमजन की सुध लेने वाला कोई नहीं है। जनता शांति व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए धरना कर रही है। कभी सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ तो, कभी संपूर्ण शहर बंद तो, कभी विभिन्न समाजों द्वारा सरकार को ज्ञापन। मगर सरकार और विपक्षी दल कुंभकरण की नींद सो रहे है। आम जनता की कोई नहीं सुन रहा है। बदहाली का यह हाल है कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन उग्र रूप धारण करने लग रहा है। जनता का सब्र मानो टूट गया है। अब तक धरना स्थल पर कोई भी राजनीतिक पार्टी का नुमाइंदा चाहे विपक्ष हो या सता धारी हो या जिला प्रशासन आमजन की सुनने वाला कोई नहीं है। वैसे शुद्ध पेयजल एक आम जन की मूलभूत आवश्यकता एवं मौलिक अधिकार है। मगर अफसोस भीनमाल की जनता इस अधिकार से वंचित है। जिला प्रशासन कि हठधर्मिता के बाद जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया 2 माह में दूसरी बार जिले में भीनमाल विधानसभा क्षेत्र में पधार रहे हैं। इसके बावजूद भीनमाल विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू होने व गंभीर समस्याओं के निराकरण का समय नहीं है। सत्ताधारी कांग्रेस या मुख्य विपक्ष भाजपा नेता जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। गैर जिम्मेदार सरकार तक बात पहुंचाने की किसी में हिम्मत नजर नहीं आ रही है। इस हालात में 2025 तक नर्मदा नहर नसीब होना मुश्किल नजर आ रहा है।
सरकार की अनदेखी के बावजूद धरना स्थल पर आंदोलनकारी डट कर खड़े हैं। उनका कहना है कि जब तक उनके शरीर में सांस है वे लड़ते रहेंगे और सरकार से और विपक्षी दल से और प्रशासन से ईट से ईट बजा देंगे।