सुप्रीम कोर्ट का मंदिरों को लेकर बड़ा फैसला, कहा- देवी-देवता ही हैं मंदिर की भूमि के मालिक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंदिर के पुजारी को भूस्वामी नहीं माना जा सकता और देवी-देवता ही मंदिर से जुड़ी भूमि के मालिक हैं। पीठ ने कहा कि पुजारी केवल मंदिर की संपत्ति के प्रबंधन के उद्देश्य से भूमि से जुड़े काम कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का मंदिरों को लेकर बड़ा फैसला, कहा- देवी-देवता ही हैं मंदिर की भूमि के मालिक

सुप्रीम कोर्ट:अब पुजारी नही बेच पाएंगे मंदिर की सम्पति

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंदिर के पुजारी को भूस्वामी नहीं माना जा सकता और देवी-देवता ही मंदिर से जुड़ी भूमि के मालिक हैं। पीठ ने कहा कि पुजारी केवल मंदिर की संपत्ति के प्रबंधन के उद्देश्य से भूमि से जुड़े काम कर सकता है।जस्टिस हेमंत गुप्ता और ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि पुजारी केवल मंदिर की सम्पति के प्रबंधन के उधेश्य से ही भूमि से जुड़े कार्य कर सकते है । शिर्ष अदालत ने कहा है कि स्वामित्व स्तम्भ में सिर्फ देवताओ का ही नाम लिख सकते है।देवताओ को न्यायिक व्यक्ति होने के कारण भूमि का स्वमित्व होता है। इसलिए भूमि पर देवताओ का ही मालिकाना हक होगा।अतः मंदिरों के काम देवताओ की और से सेवक या प्रबन्धको द्वारा किये जाते है।इसलिए प्रबन्धक या पुजारी के नाम को स्वामित्व स्तम्भ में लिखने की आवस्यकता नही है।

यह है मामला

शिर्ष अदालत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी ।इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा एमपी ला रेवेन्यू कोड,1959के तहत जारी किए गए दो परिपत्र को निरस्त कर दिया था । इन परिपत्रों मैं पुजारीके नाम को राजस्व रिकॉड से हटाने का आदेश पारित किया गया था। ताकि मंदिर की संपत्ति को पुजारीयो द्वारा अनाधिकृत बिक्री से बचाया जा सके।