बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में बृहस्पति और शुक्र के लिए द्वितीयक किरणों का शुरू किया गया प्रेक्षण

बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में महत्वपूर्ण खगोलीय घटना कंजक्शन ऑफ वीनस एंड जुपिटर के लिए द्वितीयक किरणों का प्रेक्षण किया गया। जिसकी शुरुआत सेंटिलेशन संसूचक के द्वारा बीती 2 मार्च से होकर 11 मार्च तक सुचारू रहेगी।

बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में  बृहस्पति और शुक्र के लिए द्वितीयक किरणों का शुरू किया गया प्रेक्षण
बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में बृहस्पति और शुक्र के लिए द्वितीयक किरणों का शुरू किया गया प्रेक्षण

बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में बृहस्पति और शुक्र के लिए द्वितीयक किरणों का शुरू किया गया प्रेक्षण उदयपुर:

बी एन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में महत्वपूर्ण खगोलीय घटना कंजक्शन ऑफ वीनस एंड जुपिटर के लिए द्वितीयक किरणों का प्रेक्षण किया गया। जिसकी शुरुआत सेंटिलेशन संसूचक के द्वारा बीती 2 मार्च से होकर 11 मार्च तक सुचारू रहेगी।

जिसे लेकर भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र पारिक का कहना है कि यह वैज्ञानिक अध्ययन उच्च स्तरीय होगा। बता दें कि उपरोक्त प्रेक्षण बी एन विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के डीन डॉ. रेणु राठौड़ तथा एसोसिएट डीन डॉ. रितु तोमर के मार्गदर्शक तथा भौतिक विज्ञान के विभागध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र पारीक के निर्देशन में शुरू किया गया।

ये प्रेक्षण विद्यार्थी करुणा शर्मा, कुणाल जैन, हेमंत, प्रदीप, आर्यन के द्वारा लिए जाएंगे। डॉ. देवेन्द्र पारीक ने बताया कि इस घटना को खगोल विज्ञान में कंजक्शन ऑफ वीनस एंड जुपिटर कहते हैं, और दोनों ही गृह सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी से देखने पर कई बार इस प्रकार का कोण बनता है, जिससे लगता है कि वे आपस में जोड़ी बना रहे हों, जबकि इनकी आपस में दूरी करोड़ो किमी रहती है। साथ ही अगर आपके पास सामान्य टेलिस्कोप है तो जुपिटर के दिखने वाले चार मून को भी देख पाएंगे। वरना इन दोनों ग्रहों की जोड़ी फिर से बनते देखने के लिए 2025 तक का इंतजार करना होगा।