धूमधाम से हुआ तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज

पिछोला झील किनारे लोक संस्कृति और परम्पराओं के अनूठे संगम ने बांधा समा लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने खूब बटोरी तालियां

धूमधाम से हुआ तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज
धूमधाम से हुआ तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज
धूमधाम से हुआ तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज
धूमधाम से हुआ तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज

उदयपुर, 1 अप्रैल। विश्वविख्यात झीलों की नगरी उदयपुर में जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के साझे में तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज सोमवार को धूमधाम से हुआ। इस अवसर पर हुए विविध पारंपरिक आयोजनों के दौरान झीलों के सौंदर्य के साथ ही मेवाड़ की संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिली।

पुराने शहर में घंटाघर से गणगौर घाट तक विभिन्न समाज की ओर से गणगौर सवारी निकाली गई। विभिन्न समाज की महिलाओं एवं पुरूषों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर गणगौर की सवारी निकाली। लोकगीतों एवं लोकनृत्यों के साथ लोक संस्कृति की अनुपम छटा के बीच निकली गणगौर की सवारी से वातावरण सुरम्य और आकर्षक बन गया। गणगौर घाट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक सुमिता सरोच, उपनिदेशक शिखा सक्सेना सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, प्रबुद्धजन एवं बड़ी संख्या में शहर वासी मौजूद रहे।

शाही गणगौर ने किया मंत्रमुग्ध

बंशी घाट से गणगौर घाट तक शाही ठाठ-बाट के साथ निकली गणगौर की शाही सवारी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। राजसी ठाट-बाट के साथ पिछोला झील की लहरों के संग मधुर स्वर लहरियों के बीच निकली गणगौर की सवारी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सुंदर दृश्य को अपने कमरे में कैद करने हेतु हर कोई उत्साहित एवं आतुर नजर आया।

शहर में उत्सव सा माहौल

सोमवार की शाम उदयपुर शहर के लिए किसी उत्सव से कम नहीं थी। शहर की विभिन्न गलियों से निकली गणगौर की सवारी जब एक साथ गणगौर घाट पहुंची तो वहां का मनमोहक दृश्य प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित कर रहा था। पारंपरिक वाद्य यंत्र, बैंड-बाजे, ढोल आदि का संगम माहौल को खुशनुमा बना रहा था।

सजी-धजी गणगौर व ईशर जी ने सभी को किया आकर्षित

गणगौर के पर्व पर शिव-पार्वती के रूप में पूजनीय गणगौर व ईशर जी की अनूठी छवि विशेष आकर्षक का केन्द्र रही। महिलाओं के सिर पर आकर्षक वेशभूषा एवं श्रृंगार से सुसज्जित गणगौर व ईशर जी की प्रतिमा ने सभी को आकर्षित किया।

रील्स बनाने की होड

मेवाड़ महोत्सव के पहले दिन ही शहरवासियों में अपूर्व उत्साह व उमंग के साथ रील्स एवं वीडियो बनाने की विशेष होड़ देखी गई। उत्साह और उमंग के इस खुबसूरत माहौल के बीच हर कोई अपने  कैमरा-मोबाइल में व्यस्त दिखा।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा

सोमवार शाम गणगौर घाट पर लोक संस्कृति का अनूठा संगम दिखा। अपनी कला का प्रदर्शन करते लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोहा। पिछोला झील के किनारे इस आयोजन के अनूठे संगम ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आतिशबाजी भी की गई।