उदयपुर सकल जैन समाज बंधुओं द्वारा झारखंड 20 जैन तीर्थंकरों और संतों की मोक्ष स्थलीय श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज गिरिडीह को पर्यावरण पर्यटक स्थल घोषित करने पर आक्रोश

उदयपुर सकल जैन समाज बंधुओं द्वारा झारखंड 20 जैन तीर्थंकरों और संतों की मोक्ष स्थलीय श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज गिरिडीह को पर्यावरण पर्यटक स्थल घोषित करने पर आक्रोश

उदयपुर सकल जैन समाज बंधुओं द्वारा झारखंड 20 जैन तीर्थंकरों और संतों की मोक्ष स्थलीय श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज गिरिडीह को पर्यावरण पर्यटक स्थल घोषित करने पर आक्रोश
उदयपुर सकल जैन समाज

उदयपुर सकल जैन समाज बंधुओं द्वारा झारखंड 20 जैन तीर्थंकरों और संतों की मोक्ष स्थलीय श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज गिरिडीह को पर्यावरण पर्यटक स्थल घोषित करने पर आक्रोश एवं मौन जुलूस निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उदयपुर जि कलेक्टर श्री ताराचंद मीणा को सौंपा गया जिसमें सकल जैन समाज की मांगों में झारखंड पारसनाथ पर्वत राज्य को पुनः यथास्थिति में स्थित रहने पारसनाथ पर्वत राज श्री सम्मेद शिखर तथा पारसनाथ पर्वत राज को वन्य जीव अभ्यारण पर्यावरण अभ्यारण के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन क मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए तथा पारसनाथ पर्वत राज और मधुबन को मांस मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए तथा पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान पत्रों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंध हो पारसनाथ पर्वत राज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग और तीर्थ माना जाता है लिखकर तीर्थ राज्य की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 2795 (ई )दिनांक  2 अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए, निम्न मांगों को लेकर सकल जैन समाज ने सौंपा ज्ञापन